मौनी अमावस्या: आज के दिन भूल कर भी नहीं करने चाहिए ये काम

माघ मास की अमावस्या को महत्वपूर्ण माना गया है. पंचांग के अनुसार 11 फरवरी को अमावस्या की तिथि है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या(अमावस), माघ अमावस्या और थाई अमावसाई भी कहा जाता है.

अमावस्या की तिथि कब है?
पंचांग की गणना के अनुसार माघ अमावस्या की तिथि का आरंभ 11 फरवरी को प्रात: 01:08 बजे से होगा. अमावस्या की तिथि का समापन 12 फरवरी को 12:35 ए एम पर होगा.

माघ अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में माघ अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित मानी गई है. इस दिन पितरों को याद किया जाता है. पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजापाठ और दान आदि का कार्य करना चाहिए. पितरों के प्रसन्न होने से जीवन में आने वाली धन, जॉब, व्यापार और सेहत संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है.

अमावस्या पर दान का महत्व
पौराणिक मान्यता है कि माघ अमावस्या पर किया गया दान जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है. इस दिन दान करने से कई गुणा पुण्य प्राप्त होता है. अमावस पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. माघ के महीने में सूर्य पूजा और नदी स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन अन्न, धन, वस्त्र और दवा आदि का दान करने से लाभ होता है, वहीं पशु-पक्षियों को भोजन कराने से भी जीवन में अच्छे फल प्राप्त होते हैं.

अमावस्या पर नहीं करने चाहिए ये काम
अमावस्या पर नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करने वाले कार्यों से दूर रहना चाहिए. इस दिन रात्रि में यात्रा करने से बचना चाहिए. उन स्थानों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए जहां पर नकारात्मक ऊर्जा का खतरा बना रहता है. इस दिन कलह, विवाद और क्रोध से भी बचना चाहिए.

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