फरीदकोट में बच्चों की हत्या के बाद ठेकेदार के सुसाइड मामले में विधायक के साले की गिरफ्तारी पर संदेह

गिद्दड़बाहा के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के साले डिंपी विनायक की गिरफ्तारी को लेकर घटना के तीसरे दिन भी फरीदकोट पुलिस एक कदम आगे बढ़ते हुई नहीं दिखाई दे रही है। फरीदकोट पुलिस का कहना है कि मामले की गहराई से जांच के बाद ही अगले कदम की रूपरेखा तय होगी।

शनिवार की सुबह सवा चार बजे फरीदकोट शहर के गुरुनानक कालोनी के नारायण नगर मोहल्ले में ठेकेदार करन कटारिया ने अपने परिवार को गोली मारने के उपरांत खुद को भी गोली मार ली थी। इस घटना में कटारिया के बेटे, बेटी व उसकी खुद की मौत हो गई थी, जबकि पत्नी डीएमसी लुधियाना में उपचाराधीन है, जिसकी हालत में सुधार हो रहा है। घटना के तीसरे दिन भी नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर विपक्ष इस पर तरह के सवाल उठा रहा है, तो कानूनविद् सुसाइड नोट के आधार पर गिदड़बाहा के कांग्रेसी विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को भी केस में शामिल किए जाने की बात कर रहे हैं।

जांच चल रही है : एसएसपी

एसएसपी स्वर्णदीप सिंह ने बताया कि मामले की बारीकी से जांच चल रही है। मृतक के भाई अंकित कटारिया के बयानों पर थाना सिटी में 32 नंबर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ये कहते हैं कानूनविद्

वरिष्ठ वकील मंगत अरोड़ा व वकील आंसू मित्तल ने बताया कि उन लोगों ने मृतक की एफआइआर व सुसाइड नोट पढ़े हैं, पुलिस ने जो मुकदमा गिद्दड़बाहा के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के साले डिंपी विनायक पर दर्ज किया है, वह पूरी तरह से ठीक है, पंरतु एफआइआर और सुसाइड नोट में विधायक राजा वडिंग का भी नाम उल्लेखित है, जिसके ध्यान में रखते हुए विधायक राजा वडिंग पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए था।

विधायक का केस में नाम क्यों नहीं : बंटी रोमाणा

शिअद यूथ ङ्क्षवग के प्रदेश प्रधान व प्रवक्ता परमबंश सिंह बंटी रोमाणा ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि पीडि़त परिवार को न्याय मिले। उन्होंने कहा कि मरने वाले ने मरने से पहले सुसाइड नोट पर और मृतक के भाई ने पुलिस को दिए बयान में विधायक राजा वडिंग का नाम आरोपितों में लिया है, तो पुलिस केस में विधायक का नाम क्यों शामिल नहीं कर रही है, यह हैरान करने वाली बात है।

मुकदमा दर्ज करने में नहीं हुई देरी : एसएचओ

इतनी बड़ी घटना पर 15 घंटे बाद केस दर्ज किए जाने पर पहले ही पुलिस सवालों के घेरे में है। इस पर थाना सिटी के प्रभारी गुरविंदर सिंह भुल्लर ने कहा कि केस में देरी की वजह शुरू में परिवार द्वारा बयान न दिया जाना था, जिसके बाद उन्होंने मुकदमा नंबर 31 खुद दर्ज करवाया, और देर शाम अंकित कटारिया के बयान पर मुकदमा नंबर 32 दर्ज किया, पुलिस की ओर से कोई देरी नहीं की गई, मामले की सही दिशा में जांच आगे बढ़ाई जा रही है। 

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