छत्तीसगढ़: बगैर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में दाखिला देने के नाम पर की इतने लाख की ठगी

मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया से मान्यता प्राप्त न होने के बाद भी विश्वविद्यालय खोलकर एमबीबीएस कराने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपित के खिलाफ दुर्ग कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। वेबसाइट पर विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी देखकर शिकायतकर्ता ने अपने बेटे के दाखिले के लिए आवेदन किया। इसके बाद उसने 14 लाख 42 हजार 100 रुपये की फीस भी जमा की।

फीस जमा करने के बाद उसे जानकारी हुई कि उक्त विश्वविद्यालय के पास एमबीबीएस के कोर्स के लिए कोई मान्यता ही नहीं है। इसके बाद उसने विश्वविद्यालय के चेयरमैन से अपने रुपये और बेटे के सर्टिफिकेट मांगे तो आरोपित ने उसे जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस से शिकायत की। जिसकी जांच के बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस ने बताया कि पुराना आमापारा दुर्ग निवासी शिकायतकर्ता नेतराम जायसवाल ने आंध्रप्रदेश के ओंगल स्थित ओम श्री गायत्री विश्वकर्मा विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर एक विज्ञप्ति देखी थी। जिसमें एमबीबीएस की पढ़ाई कराने और सीट खाली होने का उल्लेख था। विज्ञप्ति देखकर उसने उक्त संस्थान से अपने बेटे प्रणीत जायसवाल को एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के लिए संपर्क किया।

इस पर संस्थान की तरफ से प्रथम वर्ष की फीस के रूप में 14 लाख 42 हजार 100 रुपये की मांग की गई। शिकायतकर्ता ने उतनी राशि का डीडी बनवाकर संस्थान के नाम पर जमा किया। फीस जमा होने के बाद उसने अपने बेटे के सर्टिफिकेट भी वहां जमा किए। शिक्षण सत्र 2019-20 में प्रवेश के लिए संस्थान के तरफ से पत्र भेजा गया।

वहां से पत्र आने के बाद शिकायतकर्ता के बेटे प्रणीत विश्वकर्मा को जानकारी हुई कि उक्त विश्वविद्यालय के पास एमबीबीएस की शिक्षा प्रदान करने के लिए मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया से कोई मान्यता ही नहीं है। इसलिए उक्त संस्थान की तरफ से जो भी डिग्री प्रदान की जाएगी, उसकी कोई मान्यता नहीं होगी।

इसके बाद शिकायतकर्ता के बेटे ने विश्वविद्यालय के चेयरमैन आरोपित डाक्टर गिरीनाथ शर्मा से वाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर संस्थान को मान्यता न होने की बात कहते हुए फीस के रुपये और सर्टिफिटेक वापस करने की मांग की गई, लेकिन आरोपित ने कोई भी जवाब नहीं दिया।

लगातार संपर्क करने के बाद आरोपित डाक्टर गिरीनाथ शर्मा ने शिकायतकर्ता से कहा कि वो ये लिखकर दे कि वो अपने निजी कारणों से विश्वविद्यालय को छोड़ रहा है। शिकायतकर्ता ने ऐसा करने से मना किया तो आरोपित ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि वो उसके संस्थान को बदनाम कर रहा है। इसलिए वो उसकी रकम वापस नहीं लौटाएगा।

इसी दौरान शिकायतकर्ता को ये भी जानकारी हुई कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ निवासी शांति शरण सिंह नाम के व्यक्ति ने भी आरोपित के खिलाफ आजमगढ़ के कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसके बाद उसने पुलिस से शिकायत की। जिस पर दुर्ग कोतवाली पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

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