यूनेस्को ने मुंबई की ‘विक्टोरियन गोथिक’ और ‘आर्ट डेको’ को घोषित किया विश्व धरोहर
मुंबई: मुंबई की ‘विक्टोरियन गोथिक’ और ‘आर्ट डेको’ इमारतों के भव्य क्लस्टर को शनिवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया. एलिफेंटा गुफाओं और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन (विक्टोरिया टर्मिनस) के बाद ‘विक्टोरियन गोथिक’ और ‘आर्ट डेको’ को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया जाना मुंबई को मिला तीसरा ऐसा सम्मान है.
यूनेस्को ने ट्वीट किया, ”अभी-अभी यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया: मुंबई का विक्टोरियन गोथिक’ और ‘आर्ट डेको’ एनसेंबल्स. भारत को बधाई.”
The 42nd session of UNESCO's #WorldHeritage Committee is underway in Bahrain until 4 July.
Watch all the debates LIVE here ▶️▶️ https://t.co/N5IEEviCeS #42whc pic.twitter.com/t0RAcaalIN
— UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳😷 (@UNESCO) June 28, 2018
यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 42वें सत्र में यह फैसला किया गया. यह बैठक बहरीन के मनामा में चल रही है. पिछले साल गुजरात के अहमदाबाद को विश्व धरोहर शहर घोषित किया गया था. अहमदाबाद विश्व धरोहर शहर घोषित किया जाने वाला भारत का पहला शहर है.
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खास बातें
– सीएसटीएम भवन ब्रिटिश वास्तुकार फ्रेडरिक विलियम स्टीवंस द्वारा डिजाइन किया गया था
– प्रतिष्ठित भवन लंदन के सेंट पंक्रास रेलवे स्टेशन से मिलता-जुलता है
– इसका निर्माण 1888 में शुरू किया गया था, जो 10 साल में बनकर पूरा हुआ था
– गॉथिक-पुनरुद्धार शैली में प्रसिद्ध वास्तुशिल्प-चिह्न् ने महान भारतीय प्रायद्वीपीय रेलवे के मुख्यालय के रूप में अपनी सेवाएं दी थी
– जोनल रेलवे भी इसी इमारत से 1951 से काम कर रहा है
– यह स्टेशन 1996 तक विक्टोरिया टर्मिनस (वी.टी.) के रूप में जाना जाता था
– बाद में स्टेशन का नाम मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी के सम्मान में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में बदल दिया गया
– महाराष्ट्र विधानसभा में दिसंबर 2016 में नाम बदलने के संकल्प के बाद 2017 में स्टेशन को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के रूप में फिर से नामित किया गया था
– गृह मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र सरकार को एक पत्र भेजा था, जिसमें मई 2017 में नाम बदलने का उल्लेख किया गया था
– मध्य रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, रोजाना 30 लाख उपनगरीय यात्री इस रेलवे स्टेशन का उपयोग करते हैं.