किसान आंदोलन पर ओवैसी ने केंद्र की मोदी सरकार पर साधा निशाना, कही यह बात

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का 75वां दिन है. इस बीच एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली के गाजीपुर, सिंघू औक टिकरी बॉर्डर पर कीलें लगाने को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए सड़कों को खोदने और कीलें लगाने के बदले सरकार को चीन को रोकने के लिए लद्दाख में कीलें लगानी चाहिए.

56 इंच का होता तो चीन को सबक सीखा चुके होते मोदी- ओवैसी

ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह किसानों की ‘मन की बात’ को सुनें. उन्होंने एक रैली में कहा, ‘‘अगर आपने लद्दाख में कीलें लगांई होती तो चीनी सैनिक भारत में नहीं घुसे होते. आपने लद्दाख में कीलें नहीं लगाई, जहां भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए. अगर आपका सीना 56 इंच का होता तो आप चीन को सबक सीखा चुके होते.’’

सबका नाम ले लेंगे मोदी, लेकिन चीन का नहीं- ओवैसी

ओवैसी ने आगे कहा, ‘‘मोदीजी ने एक बार भी चीन का नाम तक नहीं लिया. वह सभी लोगों का और सभी चीजों का नाम लेंगे लेकिन चीन का नहीं.’’ ओवैसी ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानून भारत के संविधान के खिलाफ हैं, क्योंकि कृषि राज्य का विषय है. इसलिए ऐसे में केंद्र का राज्य के विषय में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है.’’

इतना ही नहीं ओवैसी ने यह भी कहा कि इस कानून का विरोध कर रहे किसानों को खालिस्तानी कहा जा रहा है और आदिवासी-दलितों को नक्सली और मुस्लिमों को जिहादी बताया गया.

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