FIFA 2018: पुर्तगाल और उरुग्वे के बीच अगले दौर में पहुंचने का चैलेंज, मुकाबला आज

नई दिल्ली. स्टार फारवर्ड क्रिस्टियानो रोनाल्डो के नेतृत्व में फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण के प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में आज पुर्तगाल का सामना फिश्ट स्टेडियम में उरुग्वे से होगा.  पुर्तगाल और उरुग्वे जानती हैं कि अब सिर्फ जीत ही उन्हें विश्व कप की रेस में बनाए रख सकती है.  विश्व कप में पहली बार है, जब ये दोनों टीमें आमने-सामने हो रही हैं. वैसे कुल तीन बार ये दोनों एक-दूसरे के खिलाफ खेल चुके हैं. दोनों टीमें एक-दूसरे की क्षमता को जानती हैं, इसलिए बेहद अहम मैच में विपक्षी टीम को हल्के में लेने की गलती नहीं करेंगी.

पुर्तगाल का पावर

पुर्तगाल के पास अभी तक विश्व कप की ट्रॉफी नहीं आई है. इस समय उसकी टीम में विश्व फुटबाल के महान खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं और उन्हीं के दम पर पुर्तगाल विश्व कप जीतने का सपना देख रही है.  लेकिन सिर्फ रोनाल्डो पर निर्भर रहना उसे भारी पड़ सकता है. टीम ने हालांकि मैच दर मैच अपने खेल में सुधार किया है और बाकी खिलाड़ियों ने भी टीम में अपना योगदान दिया है. गोल हालांकि रोनाल्डो ने ही ज्यादा किए हैं. उन्होंने अभी तक चार गोल किए हैं, जबकि पूरी टीम ने ग्रुप दौर में पांच गोल दागे हैं. पुर्तगाल की आक्रमण पंक्ति मजबूत हुई है और यही उरुग्वे के लिए खतरा बन सकती है.

उरुग्वे का दम

वहीं अगर उरुग्वे की बात की जाए तो टीम का दोरामदार हमेशा की तरह लुइस सुआरेज और एडिन कवानी पर होगा. इन दोनों के अलावा टीम की ताकत उसका डिफेंस रहा है. उरुग्वे ने ग्रुप दौर के तीन मैचों में एक भी गोल नहीं खाया. यह बताता है कि उसकी रक्षापंक्ति कितनी सफल रही है. हालांकि ग्रुप दौर में मिस्र को छोड़कर कोई भी ऐसी टीम नहीं थी, जिसका अटैक बेहद मजबूत हो या उसके पास विश्व का दिग्गज खिलाड़ी है. मिस्र में हालांकि मोहम्मद सलाह थे जिनको उरुग्वे ने रोके रखा था.

अब उसके डिफेंस के सामने रोनाल्डो की बेहद मजबूत चुनौती है जो कहीं से भी किसी भी वक्त गोल करने का माद्दा रखते हैं. उरुग्वे के कोच ऑस्कर तबारेज ने रोनाल्डो के लिए रणनीति तैयार कर ली होगी. अब देखना यह है कि उनकी रणनीति कितनी कारगर साबित होती है और उनके खिलाड़ी उस रणनीति को मैदान पर लागू कर पाते हैं या नहीं. वहीं पुर्तगाल के डिफेंस को भी चुनौती का सामना करना होगा। सुआरेज भी विश्व फुटबाल का बड़ा नाम हैं. उन्हें रोकना मतलब उरुग्वे को काफी तक मैच से बाहर रखना.

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