अमेरिका ने कृषि कानूनों को बताया सही, इंटरनेट के रोक पर जताई चिंता

अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत के किसान आंदोलन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने कृषि कानूनों को सही बताया है, लेकिन इंटरनेट पर लगाई गई पाबंदी की आलोचना की है। अमेरिकी विदेश विभान ने कहा कि हम इंटरनेट को रोके जाने की वकालत नहीं करते हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान में कहा, ‘हम ये मानते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी लोकतंत्र की पहचान है। ऐसा भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है। हम बातचीत से समस्या के समाधान के पक्षधर हैं और भारत के बाजार को मजबूत करने और निवेश बढ़ाने की कोशिश का स्वागत करते हैं। लेकिन हम ये मानते हैं कि बिना किसी रुकावट के इंटरनेट आमजन को मुहैय्या कराया जाना मज़बूत लोकतंत्र के प्रतीक है।’

हालांकि अमेरिका ने कहा कि वह ऐसे कदमों का स्वागत करता है, जो भारत के बाजारों की दक्षता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “सामान्य तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है।”

प्रशासन कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भारत सरकार के कदम का समर्थन करता है जोकि निजी निवेश और किसानों के लिए अधिक बाजार पहुंच को आकर्षित करता है।

भारत में चल रहे किसानों के विरोध पर एक सवाल के जवाब में विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिका प्रोत्साहित करता है कि बातचीत के माध्यम से पार्टियों के बीच किसी भी मतभेद को हल किया जाए। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है और भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी यही कहा है।”

इस बीच भारत में किसानों के विरोध के समर्थन में कई अमेरिकी कानूनविद सामने आए। हेली स्टीवंस ने कहा, “मैं भारत में नए कृषि सुधार कानूनों का विरोध करने वाले शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कथित कार्रवाई से चिंतित हूं।” उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों को उत्पादक चर्चा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

स्टीवेंस ने कहा, “मैं इस स्थिति पर बारीकी से नजर रखना जारी रखूंगा। इस विषय पर जिले भर में हितधारकों के साथ जुड़ने के लिए यह विशेष रूप से मूल्यवान है और मैं उन सभी की सराहना करता हूं जो अपने दृष्टिकोण को साझा करने के लिए पहुंच गए हैं।”

एक अन्य कांग्रेसवादी, इल्हान उमर ने पूरे भारत में अपनी आजीविका के लिए विरोध कर रहे सभी किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “भारत को अपने मूल लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, सूचनाओं के मुक्त प्रवाह की अनुमति देनी चाहिए, इंटरनेट की पहुंच बहाल करनी चाहिए और विरोध प्रदर्शन को कवर करने के लिए हिरासत में लिए गए सभी पत्रकारों को छोड़ देना चाहिए।”

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