भारत को फिर उकसा रहा चीन, LAC पर बड़ी संख्‍या में लाया टैंक

पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव को कम करने के लिए भारतीय और चीनी सैन्य कमांडरों ने कई दौर की वार्ता की है। हालांकि अभी तक इसका कोई परिणाम नहीं निकल पाया है, ऐसे में चीन एक बार फिर भारत को उकसाने में लगा हुआ है। एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दिखाया गया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) LAC के करीब सैन्य सामान लाना और निर्माण जारी रखे हुए है।

मीडिया रिपोर्ट में पता चलता है कि भारी संख्या में चीनी सैनिक, बख्तरबंद टैंक और सैन्य ट्रक एलएसी के पास खड़े थे। एक अंग्रेजी टीवी चैनल के अनुसार, चीन की सेना ने सीमा के पास लगभग 350 टैंक तैनात किए हैं। बीजिंग ने अपने सबसे परिष्कृत युद्धक्षेत्र टैंक ‘टाइप 99’ की एक बड़ी संख्या को भारतीय सीमा के करीब तैनात किया है। पीएलए ने देसपांग क्षेत्र और दक्षिण किनारे सहित कई क्षेत्रों में अपने टैंक तैनात किए हैं।

भारतीय और चीनी सेनाओं को 5 मई से पूर्वी लद्दाख में विवाद के बाद से एक-दूसरे के सामने डटी हुई है। गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुना बढ़ गया, जिसमें 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हुए और इससे ज्‍यादा चीन के सैनिक मारे गए। तब से दोनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों के बीच नौ दौर की वार्ता हो चुकी है।

भारत और चीन के बीच नौवें दौर की वार्ता 24 जनवरी को पूर्वी लद्दाख में LAC के चीनी पक्ष में मोल्दो में आयोजित की गई थी। बैठक 16 घंटे तक चली और 25 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे समाप्त हुई। सैन्य कमांडर स्तर की बैठक के बारे में एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि यह ‘सकारात्मक, व्यावहारिक और रचनात्मक’ है।

मैराथन स्तर की वार्ता के कुछ दिनों बाद चीन ने कहा कि भारत के साथ सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर टिप्पणियों में कहा, “चीन-भारत संबंधों के महत्व पर विदेश मंत्री जयशंकर का तनाव भारतीय पक्ष को चीन के साथ अपने संबंधों के महत्व को दर्शाता है।”

उन्होंने कहा, “मुझे इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाएगा। यह पिछले दशकों में दो देशों के प्रयासों से सीखा गया एक महत्वपूर्ण सबक है, जिससे हमारे संबंधों को आगे बढ़ाया जा सके।”

13वें अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध न केवल दो पड़ोसियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, बल्कि दुनिया के लिए भी।

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