झारखंड में दो रात के बाद भी अपहृत जवानों को ढूंढने में खूंटी पुलिस नाकाम

दो रातें बीत जाने के बाद भी खूंटी के अड़की इलाके में बीजेपी सांसद के घर से अगवा तीन सुरक्षाकर्मियों का पुलिस अबतक कोई सुराग हासिल नहीं कर पाई है. इन्हें छुड़ाने के लिए गुरुवार को भी  सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है. सैकड़ों जवान सुबह से ही घाघरा और उदगुरु गांव में अगवा किये गए जवानों का तलाश कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि वह अनावश्यक बल प्रयोग करना नहीं चाहती और कोलैटेरल डैमेज से बचना चाहती है. उनकी अपील है कि गांव वाले बंधकों को रिहा कर दे.  झारखंड में दो रात के बाद भी अपहृत जवानों को ढूंढने में खूंटी पुलिस नाकाम

वार्ता के लिए शर्त

दरअसल युसूफ पूर्ति, बलराम समद और जोनजोनाथन तिरु ये तीनों पत्थलगड़ी समर्थकों के नेता हैं. इन नेताओं ने शासन के वार्ता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. बताया ये भी जाता है कि सांसद के तीनों हाउस गार्ड को बंधक के तौर पर  कुरुंगा के आसपास के जंगलों में रखा गया है. जो खूंटी मुख्यालय से करीबन 65 किलो दूर है, और इस  इलाके में  नक्सल संघठन पीएलएफआई सक्रिय है. पत्थलगड़ी समर्थको की मांग है कि वार्ता सीधे गवर्नर, राष्ट्रपति या सुप्रीम कोर्ट की जज की मौजूदगी में हो.    

बवाल के पीछे यह है वजह

खूंटी में मचा यह बवाल दरअसल कूचांग गांव में पांच आदिवासी युवतियों के साथ हुए बलात्कार की घटना के बाद शुरू हुआ है. हालांकि इसकी पृष्टभूमि काफी पहले से बननी शुरू हो गयी थी. पुलिस का आरोप है कि बलात्कार की घटना के पीछे पत्थलगड़ी समर्थक हैं. इसी बीच घाघरा इलाके के कुछ गावों  में पत्थलगड़ी की घोषणा ने आग में घी डालने का काम किया.

अब तक पत्थलगड़ी को रोकने में संयम बरत रही पुलिस ने इस बार पत्थलगड़ी नहीं करने की चेतावनी दी. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच भिड़ंत हो गयी. भीड़ को हटाने के लिए किये गए लाठीचार्ज के बाद स्तिथि बिगड़ गयी, और भीड़ ने बीजेपी सांसद करिया मुंडा के घर हमला बोल दिया साथ ही तीन हाउस गार्ड को अगवा कर अपने साथ ले गए. इसके बाद से ही पुरे इलाके में जबरदस्त तनाव है. पुलिस के जवान गावों में मौजूद हर घर और शख्स की तलाशी ले रहे हैं.

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