दिल्ली: कक्षा 9वीं में अनुत्तीर्ण हुए 40% स्टूडेंट ने स्कूल किया डॉप आउट, चौंकाने वाला आंकड़ा आया सामने

पिछले कुछ सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नौवीं कक्षा में छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 50 फीसदी से 60 फीसदी के बीच रहा है और इस स्तर पर उत्तीर्ण नहीं होने वाले छात्रों का एक बड़ा प्रतिशत स्कूल ही छोड़ रहा है.  दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित एक शिक्षा सम्मेलन के अंतिम दिन, इसे सबसे बड़ी चुनौती बताया गया.

जो छात्र-छात्राएं 2018-19 में नौवीं कक्षा पास नहीं कर सके उनके आंकड़ों चौंकाने वाले हैं. बता दें कि कुल 2,71,400 छात्रों में से, 42 फीसदी पास नहीं हो सके. वहीं, 40 फीसदी जो पास नहीं हुए उन्होंने स्कूल ड्रॉप आउट कर दिया.

पिछले कुछ वर्षों के कक्षा IX के परिणामों के आकंड़े पेश किए गए

स्कूली शिक्षा में समकालीन चुनौतियों पर विचार-विमर्श करते हुए सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन के समापन पर, दिल्ली सरकार ने कहा कि इससे “मिशन मोड में ” के तहत निपटा जाएगा.” वहीं पिछले कुछ वर्षों के कक्षा IX के परिणाम पर शिक्षा अधिकारियों द्वारा पेश किए गए आकलन से पता चलता है कि 2013-14 के बाद से उत्तीर्ण प्रतिशत मे प्रगतिशील गिरावट 55.95 फीसदी आई थी. लेकिन 2016-17 से सुधार हुआ और 2019 -20 में बढ़कर 64.49 फीसदी हो चुका है.

हालांकि दिल्ली सरकार सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं में कक्षा X और XII में उत्तीर्ण प्रतिशत में सुधार का जश्न भी मना रही हैं लेकिन कक्षा IX के परिणाम लगातार एक बड़ा मुद्दा बने हुए हैं. इस ग्रेड तक, छात्रों को नो-डिटेंशन पॉलिसी के कारण पास कर अगली कक्षा में भेज दिया जाता है.

मनीष सिसोदिया ने दो-तरफा रणनीति लागू करने की जरूरत बताई

वहीं दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ड्रॉपआउट के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,“इन छात्रों का पता लगाया जाना चाहिए. हमें दो-तरफा रणनीति लागू करने की आवश्यकता है. उन्हें वापस लाने और कुशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण से लाभ उठाने की आवश्यकता है. ऐसे बच्चे नौकरी या किसी तरह जीवन यापन के लिए स्कूल छोड़ देते हैं. हमे अब यह पता लगाने की बेहद जरूरच है कि उनकी स्किलिंग कैसे बढ़ाई जा सकती है और हम उन्हें कैसे सहायता मुहैया करा सकते हैं.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने शिक्षा को आगे ले जाने के व्यापक विषयों पर भी चर्चा की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि संबंधित नियम कानूनों को अच्छा बनाने के साथ ही दिल्ली सरकार राजधानी के स्कूलों में पाठ्यक्रम और दिल्ली शिक्षा बोर्ड बनाने पर काम भी कर रही हैं.

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