पहले दिन 1.91 लाख लोगों को लगी कोविड वैक्‍सीन, किसी में नहीं दिखा गंभीर साइड इफेक्‍ट, जानें कैसी रही शुरुआत

महीनों से कोरोना का दंश झेल रहे देश के लिए शनिवार की सुबह नई उम्मीदें लेकर आई। 16 जनवरी से देश के तीन हजार से अधिक केंद्रों पर एक साथ शुरू हुए विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पहले दिन ही 1,91,181 स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों और डाक्टरों को टीका लगाया गया। टीके से कुछ लोगों की मामूली रूप से तबीयत बिगड़ने की जानकारी भी मिली है। दिल्ली में एक व्यक्ति के एम्स में भर्ती कराना पड़ा। अभियान का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां विज्ञानियों और शोधकर्ताओं की उपलब्धि से अभिभूत थे वहीं कोरोना काल में लोगों की तकलीफों को बयां कर भावुक भी हुए। पीएम ने दिन भर अभियान पर नजर रखी। अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन लगाने का फैसला आसान नहीं था। उधर को-विन एप में गड़बड़ी के कारण महाराष्ट्र में सोमवार तक अभियान रोक दिया गया है

हाईलाइट्स

1- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया

2- देश भर में 3006 केंद्रों पर एक साथ शुरू हुआ वैक्सीन देने का काम

3- पहले दिन लगभग 1.91 लाख लोगों को लगाई गई कोविड वैक्‍सीन

4- देश का पहला टीका एम्स के सफाई कर्मी मनीष कुमार को लगा

5- सबसे पहले टीका लगवाने वाले सांसद बने महेश शर्मा

6- कोरोना काल में देशवासियों की तकलीफें बयां कर भावुक हुए पीएम

7- टीका लगवाने वालों को पहले की तरह एहतियात बरतने की सलाह

महामारी के खत्‍मे की जगी उम्‍मीद 

अभियान की शुरुआत के साथ लाखों जिंदगियां और रोजगार लीलने वाली इस महामारी के खात्मे की उम्मीद जगी है। भारत ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके के साथ महामारी को मात देने के लिए पहला कदम उठाया है। खास बात यह कि जिन दो वैक्सीन से अभियान से शुरुआत की गई वे देश में ही निर्मित हैं और उसमें भी एक पूरी तरह स्वदेशी है।

पहले दिन 3351 सत्र में टीकाकरण

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पहले दिन 3351 सत्र में टीकाकरण का कार्यक्रम संपन्‍न किया गया। इस महाअभियान में दोनों वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोवि‍शिल्‍ड की आपूर्ति सभी राज्यों में की गई है जबकि कोवैक्‍सीन केवल 12 राज्यों में भेजी गई है। चूंकि यह टीकाकरण का पहला दिन था इसलिए कुछ समस्‍याएं भी आईं। कुछ स्‍थानों पर लाभार्थी सूची अपलोड करने में देरी हुई… मंत्रालय ने बताया कि पहले दिन देशभर में कुल 16,755 कर्मचारियों ने इस महाभियान में मदद की।

पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का जताया आभार 

भारत ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके के साथ महामारी को मात देने के लिए पहला कदम उठाया है। खास बात यह कि जिन दो वैक्सीन से अभियान से शुरुआत की गई वे देश में ही निर्मित हैं और उसमें भी एक पूरी तरह स्वदेशी है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए शोधकर्ताओं और विज्ञानियों की सराहना करते हुए संकट काल में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं का आभार जताया।

देश का पहला टीका मनीष कुमार को 

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश का पहला टीका दिल्ली के एम्स के सफाई कर्मी मनीष कुमार को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में लगाया गया। टीका लगवाने के बाद मनीष ने बताया कि वे सुबह जब टीका लगवाने आए तो साथ के कई लोग घबरा रहे थे। इस पर अपने वरिष्ठों से बात कर उन्होंने सबसे पहले खुद टीका लगवाया। इसके बाद दूसरे नंबर पर स्वास्थ्य कर्मी धवल द्विवेदी ने टीका लगवाया।

इन हस्‍त‍ियों ने भी लगावाई वैक्‍सीन 

पहले दिन टीका लगवाने वाले प्रमुख लोगों में एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, भाजपा सांसद महेश शर्मा और बंगाल के मंत्री निर्मल माजी शामिल रहे। पॉल कोरोना महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन को लेकर गठित अधिकार समूह के प्रमुख भी हैं।

टीके की दो खुराक हैं जरूरी : मोदी

अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री कहा कि टीके की दो खुराक लेनी बहुत जरूरी है। इन दोनों के बीच लगभग एक महीने का अंतर होना चाहिए। उन्होंने टीका लेने के बाद भी लोगों से कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया और दवाई भी, कड़ाई भी का मंत्र दिया।

भावुक हो गए पीएम मोदी 

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री उस वक्त भावुक हो गए जब उन्होंने कोरोना काल के दौरान लोगों को हुई तकलीफों, अपने प्रियजनों को खोने और यहां तक कि उनके अंतिम संस्कार तक में शामिल ना हो पाने के दर्द का जिक्र किया। रुंधे गले से प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान स्वास्थ्य यकíमयों और संक्रमण के जोखिम की आशंका वाले मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों की कुर्बानियों को याद किया जिनमें से सैकड़ों की संक्रमण की वजह से मौत हो गई।

दिन भर जायजा लेते रहे पीएम मोदी 

टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन भर अभियान पर आनलाइन नजर रखे रहे। अपने आवास 7, लोक कल्याण मार्ग से उन्होंने टीकाकरण केंद्रों पर हो रही गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने छोटी-छोटी जानकारियों में भी काफी रुचि ली और टीकाकरण में लगे कर्मियों की सराहना की।

बड़े पैमाने पर टीकाकरण का रास्ता साफ 

पूरे भारत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण का रास्ता साफ करते हुए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने इस महीने की शुरुआत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।

उत्सव जैसा माहौल 

पूरे देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत पर उत्सव जैसा माहौल था, कई अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया था। कई स्थानों पर टीकाकरण से पहले प्रार्थना की गई।

महाराष्ट्र में दो दिन टीकाकरण नहीं

टीकाकरण के लिए खासतौर से बनाए गए को-विन एप में गड़बड़ी के कारण महाराष्ट्र में सोमवार तक टीकाकरण अभियान रोक दिया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि महाराष्ट्र ही नहीं देश में सब जगह इस एप में गड़बड़ी आ रही है। समस्याओं के कारण हमने दो दिन के लिए टीकाकरण स्थगित कर दिया है। हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को एप में गड़बड़ी की जानकारी दे दी है।

गुजरात में 161 केंद्रों पर टीकाकरण

गुजरात के 161 केंद्रों में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है। सबसे पहले राजकोट के एक मेडिकल वाहन चालक अशोक भाई और कुछ डॉक्टरों को टीके की खुराक दी गई। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी तथा उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की मौजूदगी में डॉक्टरों को टीकों की पहली खुराकें दी गईं।

महाराष्ट्र में 285 केंद्रों से शुरुआत

महाराष्ट्र में मुंबई के जेजे अस्पातल के डीन डॉक्टर रंजीत मानकेश्वर तथा जालना सिविल अस्पताल की डॉक्टर पद्मजा सराफ सबसे पहले टीका लगवाने वालों में शामिल रहे। एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के 285 केंद्रों में टीके लगाए जा रहे हैं।

गोवा में इन्‍हें लगा पहला टीका 

गोवा में जीएमसीएच के एक कर्मचारी रंगनाथ भोज्जे को शनिवार को सबसे पहले टीका लगाया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर तथा गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत उस समय जीएमसीएच अस्पताल में मौजूद थे, जब भोज्जे को टीका लगाया गया। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सबसे पहले एक स्वच्छताकर्मी को टीका लगा कर प्रदेश में इसकी शुरुआत की गई।

तमिलनाडु में 166 केंद्रों पर टीकाकरण 

छत्तीसगढ़ में 51 वर्षीय सफाई कर्मी तुलसा टांडी राज्य में टीका लगवाने वाले पहले व्यक्ति बने। तमिलनाडु में भी 166 केंद्रों पर टीकाकरण चला। तेलंगाना में हैदराबाद स्थित अस्पताल में महिला सफाई कर्मी टीका लगवाने वाली पहली व्यक्ति बनीं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी और तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री ई राजेंदर ने यहां गांधी अस्पताल में औपचारिक रूप से टीकाकरण की शुरुआत की।

कर्नाटक में 243 स्थानों पर टीकाकरण 

केरल में भी 133 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू हुआ है और टीका प्राप्त करने वालों में प्रमुख सरकारी डॉक्टर और अग्रिम मोर्चे पर कार्य करने वाले कर्मी रहे। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि एक दिन में 13,300 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया। कर्नाटक में भी 243 स्थानों पर टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई जिनमें से 10 केंद्र बेंगलुरु में हैं।

केंद्र सरकार उठाएगी खर्च 

बेंगलुरु स्थित विक्टोरिया अस्पताल में कार्यरत वार्ड अटेंडेंट 28 वर्षीय नागरत्न राज्य में कोविड-19 से बचाव का टीका लगाने वाले पहले व्यक्ति बने। इस मौके पर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर बेंगलोर मेडिकल कॉलेज में मौजूद रहे। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों के टीकाकरण पर आने वाले खर्च को केंद्र सरकार वहन करेगी।

 

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