किसान आंदोलन: किसानों के हक की लड़ाई में उतरे खालिस्तान समर्थक, सिंघु बार्डर पर लगे हैं पोस्टर

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की आड़ में देश विरोधी तत्व अपने मंसूबों को अंजाम देने के प्रयास में जुटे हुए हैं। यही नहीं कुछ कट्टरपंथी संगठनों के लोग भीड़ का फायदा उठाकर खालिस्तान आंदोलन की मुहिम को भी हवा दे रहे हैं। इस बात की तस्दीक सिंघु बार्डर पर लहरा रहे जरनैल सिंह ¨भडरावाले व आतंकी जगतार सिंह हवारा के फोटो कर रहे हैं।

सिंघु बार्डर पर 50 दिन से किसान कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक तीनों कृषि कानून रद नहीं किए जाते हैं, तब तक वह बार्डर से नहीं हटेंगे। इधर, किसानों के इस आंदोलन का फायदा खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों द्वारा उठाने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को भी ट्रैक्टर-ट्रालियों व गाड़ियों पर जरनैल सिंह भिंडरावाले व आतंकी जगतार सिंह हवारा की फोटो लगे बैनर के साथ लोग बार्डर पर नारेबाजी करते रहे।

प्रशासन 26 जनवरी को लेकर काफी सर्तक है। प्रशासन को खुफिया एजेंसियों से जो इनपुट मिला है उसके अनुसार किसानों के आंदोलन को सामने रखकर ये लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। इस तरह की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने सतर्कता और बढ़ा दी है।

यही नहीं इन बैनरों के तले लंगर भी चल रहा और मेडिकल कैंप भी लगा है। इसके अलावा कुछ गाड़ियां भिंडरावाले के फोटो लगाकर कुंडली बार्डर पर लगाए गए मंच के पास खड़ी की गई हैं। ये लोग युवाओं व सिखों को खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने के लिए भी उकसा रहे थे। इसकी एक वीडियो भी वायरल हो रही है। आतंकी हवारा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी है और फिलहाल तिहाड़ जेल में सजा काट रहा है।

किसान नेता का बयान 

भिंडरावाले की फोटो लगाना कोई गलत बात नहीं है। हालांकि, ऐसे फोटो कम लगें तो अच्छा रहेगा। फोटो लगाने से हमें ही परेशानी होगी, लोगों को बोला जाएगा कि ऐसा न करें। इस बारे में शनिवार को बात की जाएगी।

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