कोविड-19 के खिलाफ कल से देशभर में महाभियान, पीएम मोदी टीकाकरण कार्यक्रम का करेंगे शुभारंभ

कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ी जंग के लिए देश तैयार है। कल से देशभर में कोरोना के खिलाफ एक नए महाभियान की शुरुआत होने जा रही है। इस महाअभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी वैक्सीनेशन प्रोगाम की शुरुआत कल सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग केजरिए करेंगे। देश में तकरीबन 3000 जगहों पर लोग सीधे पीएम के साथ इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

ये दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोगाम होगा। देश में 3006 जगहों पर एक साथ टीका करण की शुरुआत होगी और टीके लगाए जाएंगे। इसके तहत वैक्सीन की खेप कई राज्यों के सेंटर तक पहुंच चुकी है। टीकाकरण अभियान के पहले दिन करीब 3 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को 3000 केंद्रों पर टीके लगाए जाएंगे। एक दिन में एक बूथ पर ज्यादा से ज्यादा 100 लोगों को टीका लगाने का कार्यक्रम है। इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन ने देश के तमाम डॉक्टरों से वैक्सीनेशन प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की है।

केंद्र सरकार ने कोरोना टीकाकरण के लिए राज्यों को गाइडलाइंस भेजी है। केंद्र ने कहा कि टीकाकरण की अनुमति केवल 18 वर्ष से अधिक आयु वालों को दी जाती है। जो महिलाएं गर्भवती हैं और स्तनपान कराती हैं, ऐसी महिलाओं को टीका प्राप्त नहीं करना चाहिए। केंद्र ने यह भी कहा कि वैक्सीन की दूसरी खुराक भी उसी टीके की होनी चाहिए, जिसे पहली खुराक के रूप में दिया गया था।

देश के ड्रग रेगुलेटर ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्‍सीन को देश में मंजूरी दी है। दोनों ही वैक्‍सीन की लोगों को दो खुराक दी जाएगी और यह 28 दिनों के अंतराल पर लगाई जाएंगी। जिन लोगों को कोरोना हुआ है, उनके लिए एक सख्त प्रोटोकॉल है। सक्रिय कोविड लक्षणों वाले रोगियों, जिन्हें प्लाज्मा थेरेपी दी गई है और जो अस्वस्थ हैं या किसी अन्य कारण से अस्पताल में भर्ती हैं, उनको ठीक होने के बाद चार से आठ सप्ताह तक टीकाकरण नहीं किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विकसित टीकाकरण के लिए एक ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म कोविन का उपयोग किया जाएगा, जो वैक्सीन स्टॉक की वास्तविक समय की जानकारी, भंडारण तापमान और टीके प्राप्तकर्ताओं के ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करेगा। वैक्सीन से संबंधित प्रश्नों के समाधान के लिए एक 24×7 हॉटलाइन – 1075 भी स्थापित की गई है। जैसे ही टीकाकरण कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, साइटों की संख्या 5,000 और उससे अधिक हो जाएगी। राज्यों को उनके स्वास्थ्य कर्मचारियों के आंकड़ों के आधार पर टीके आवंटित किए गए हैं।

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