राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना, बोले- उलझाने की कोशिश बेकार, अन्नदाता सरकार के इरादे समझता है
सुप्रीम कोर्ट आज किसान आंदोलन और कृषि कानूनों पर फैसला सुनाने वाला है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने एक बार फिर किसान कानूनों को वापस लेने की बात दोहराई है. राहुल गांधी कहा कि अन्नदाता सरकार के इरादे समझता है.
राहुल गांधी ने लिखा, ”सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है. अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है; उनकी माँग साफ़ है- कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो, बस!”
लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं राहुल
किसान आंदोलन को लेकर राहुल गांदी मोदी सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा कि तारीख पे तारीख देना सरकार की रणनीति है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि ‘तारीख पे तारीख देना’ उसकी रणनीति है. उन्होने ट्वीट किया, ‘‘नीयत साफ़ नहीं है जिनकी, तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!’’ उधर, पंजाब के उन कांग्रेस सांसदों ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से मुलाकात की जो केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध और प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में पिछले एक महीने से जंतर-मंतर पर खुले आसामान के नीचे धरने पर बैठे हुए हैं.
सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है।
अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है; उनकी माँग साफ़ है-
कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो, बस!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 12, 2021
सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 49वां दिन है. कल आंदोलन और कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कई तीखें सवाल पूछे. आज सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर अपना आदेश सुना सकता है. संभव है कि कोर्ट इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सकता है.
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की बेंच ने कल इस मामले की सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि वह कृषि कानूनों और किसानों के आन्दोलन से संबंधित मुद्दों पर अलग अलग हिस्सों में आदेश पारित कर सकती है. इस संबंध में बाद में कोर्ट की वेबसाइट पर यह सूचना अपलोड की गयी है.