बिहार में कांग्रेस का सबसे बुरा दौर, राज्‍य प्रभारी भक्‍त चरण दास आलाकमान को देंगे रिपोर्ट

बिहार की सत्ता पर कभी एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस आज अपने सबसे बुरे दौर में है। पार्टी में अंतर्कलह, गुटबाजी, प्रदेश के नेताओं की मनमानी तथा काम करने की इच्छाशक्ति की कमी ने बिहार में कांग्रेस को जमीन और कार्यकर्ता विहीन बना दिया है। 2020 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में पार्टी की बड़ी हार ने यह परेशानी और बढ़ाई है। इन समस्याओं को दूर करने और पार्टी को बिहार में मजबूती देने के लिए अभी चंद रोज पहले ही कांग्रेस आलाकमान ने भक्त चरण दास (Bhakta Charan Das) को बिहार कांग्रेस की कमान सौंपी है। बिहार का प्रभारी बनाए जाने के बाद भक्‍त चरण दास सोमवार 11 जनवरी को पहली बार बिहार आ रहे हैं। यहां वे तीन दिन रहकर कांग्रेस की बदहाली के कारणों की पड़ताल करेंगे तथा आलाकमान को इसकी रिपार्ट देंगे।

तीन दिन पटना में रहकर करेंगे मेराथन बैठकें

भक्‍त चरण दास अगले तीन दिन तक पटना में रहेंगे। वे पार्टी नेताओं के साथ मैराथन बैठकें करेंगे। कांग्रेस से मिली जानकारी के अनुसार पटना पहुंचते ही चरण दास सबसे पहले प्रदेश कार्यकारिणी (Bihar State Congress Executive Committee) के सदस्यों और इसके बाद सलाहकार समिति के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद पार्टी के फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के साथ अलग-अलग बैठकें कर उनसे यह जानने की कोशिश करेंगे कि इस बुरी स्थिति की असल वजह क्या है। दो दिनों की लगातार बैठकों से निकले सार को वे रिपोर्ट की शक्ल देकर आलाकमान को सौपेंगे।

तय करेंगे बिहार में पार्टी के बदलाव की दशा-दिशा

भक्‍त चरण दास ने बिहार यात्रा के पहले दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि वे मैदान में उतर कर तय करेंगे कि बिहार में कांग्रेस को दिशा-दशा देने के लिए क्या कदम उठाने होंगे तथा कहां-कहां बदलाव किए जाने हैं। इन तमाम पहलुओ पर गंभीरता पूर्वक मंथन किया जाएगा।

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