घरों की मांग बढ़ाने को क्रेडाई ने की बजट में टैक्स छूट की मांग, होम लोन पेमेंट पर अलग से छूट का सुझाव

रियल्टी कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने सरकार से मांग की है कि आने वाले बजट में कर छूट का दायरा बढ़ाया जाए, ताकि घर की बिक्री में तेजी आ सके। संगठन ने होम लोन की मूल राशि के पेमेंट पर अलग से छूट का भी सुझाव दिया। इसके साथ ही संगठन का यह भी सुझाव है कि होम लोन के पेमेंट पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत मिलने वाली कर छूट की सीमा को भी बढ़े।

गौरतलब है कि एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करने वाली हैं। कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के पूरे देश में लगभग 20 हजार मेंबर्स हैं। संगठन ने सिफारिश की है कि रियल एस्टेट निवेश न्यास (रीट) में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन मिले।

क्रेडाई ने कहा, ‘रियल एस्टेट क्षेत्र पहले से ही मुश्किल में है, इसने दो साल से अधिक समय से दिक्कतों को झेला है। कोरोना वायरस महामारी से रियल एस्टेट की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। पहले इसने अस्तित्व के लिए संघर्ष किया अब यह क्षेत्र धीरे-धीरे उबर रहा है है।’ संगठन का यह भी सुझाव है कि तरलता सुनिश्चित करने के लिए कोषों तक पहुंच और रीपेमेंट की लंबी अवधि से डेवलपरों को मदद मिल सकती है।

संगठन का कहना है कि मांग को बढ़ावा देने के लिए सस्ते होम लोन तथा आवास क्षेत्र में निवेश पर कर छूट मिले। उसने कहा, ‘किफायती आवास, संयुक्त विकास को लेकर टैक्सेशन में सुधार और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के कदम अभी के समय की मांग हैं।’

उधर, चर्म निर्यात उद्यमियों को प्रोत्साहन राशि की दरकार है, उन्होंने भी बजट से उम्मीद लगाई है। इस उद्योग को पहले चर्म उत्पाद निर्यात करने पर मर्चेंडाइज एक्सपो‌र्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआइएस) के तहत प्रोत्साहन राशि मिलती थी। पहले इसे पांच फीसद रखा गया था, फिर यह तीन फीसद हो गया।

 

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