अमित शाह ने की येदियुरप्पा से मुलाकात और कही ये बड़ी बात

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से बीएस येदियुरप्पा की मुलाकात के बाद पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने साफ किया कि केंद्रीय नेतृत्व की कांग्रेस-जेडी (एस) की सरकार को ‘गिराने’ में दिलचस्पी नहीं है.

दरअसल येदियुरप्पा ने अमित शाह से सोमवार को अहमदाबाद में मुलाकात की थी. येदियुरप्पा के साथ बीजेपी के प्रदेश विधायक बसवराज बोम्मई भी मौजूद थे. शाह और येदियुरप्पा की बातचीत करीब 1 घंटे तक चली. इस बैठक के बाद उन अटकलों पर विराम लग गया, जिसमें कहा जा रहा था कि बीजेपी मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को पद से ‘हटा’ कर येदियुरप्पा को सीएम बनाने की तैयारी में है.

बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और जेडी (एस) के 20 असंतुष्ट विधायक उनके संपर्क में हैं. राज्य के कुछ नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को सलाह दी थी कि वह इस मौके का ‘फायदा’ उठाए. हालांकि राष्ट्रीय नेतृत्व ने ऐसा कोई कदम न उठाने की चेतावनी दी है. वहीं येदियुरप्पा को सलाह दी गई है कि वह सरकार के ‘खुद’ गिरने का इंतजार करें.

कर्नाटक के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, ‘हमें बहुमत साबित करने के लिए 16 विधायकों की जरूरत है. हालांकि हाईकमान इसमें रुचि नहीं ले रहा, क्योंकि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में यह हमारे खिलाफ काम कर सकता है. हमें उम्मीद है कि जेडी (एस) और कांग्रेस सरकार कई विरोधाभासों के चलते खुद ही गिर जाएगी.’

येदियुरप्पा ने अमित शाह को राज्य की मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सियासत की वजह से यह गठबंधन सरकार ज्यादा वक्त तक चलती नहीं दिख रही है. JDS-कांग्रेस कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष सिद्धारमैया ने खुलकर कुमारस्वामी के बजट और उनके किसानों के कर्ज माफी को लेकर उनके रुख खुलेआम विरोध किया था. इसके बाद कुमारस्वामी ने उनको जवाब देते कहा कि वह किसी की दया पर नहीं और सीएम की कुर्सी ‘खैरात’ नहीं है.

दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी का फिलहाल ज्यादा ध्यान कांग्रेस पर ही है, जबकि वह जेडी (एस) के खिलाफ ज्यादा बोलने से बचती दिख रही है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी ने जेडी (एस) के साथ जाने का विकल्प बचा रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कुमारस्वामी से बीते 1 महीने में 2 बार मिल चुके हैं. बीजेपी सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव में जेडी (एस)और बीजेपी का गठबंधन 28 में से 25 सीटें जीत सकता है. वह चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव के पहले सीट बंटवारे के मुद्दे पर यह राज्य की मौजूदा गठबंधन सरकार खुद ही गिर जाए.

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