ट्रंप पर महाभियोग चलाने की चर्चा गर्म, जो बाइडेन ने ट्रंप पर कार्रवाई करने को लेकर कहीं यह बात

अमेरिकी कांग्रेस में डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों के हमले के बाद ट्रंप पर महाभियोग चलाने की चर्चा आम है. इस बीच अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्रंप पर कार्रवाई करने को लेकर दबाव बढ़ा दिया है. उन्होंने बिना नाम लिए एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा है कि कानून किसी ताकतवर इंसान को बचाने के लिए नहीं है.

जो बाइडेन ने कहा, “हमारा राष्ट्रपति कानून से ऊपर नहीं है. न्याय आम जनता की सेवा के लिए होता है. किसी ताकतवर इंसान को बचाने के लिए नहीं.”

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के बहुत से समर्थकों ने हाल ही में अमेरिकी संसद भवन में हिंसा और जबरन तोड़फोड़ की थी. ट्रंप समर्थकों ने राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम का सत्यापन कर रहे कांग्रेस पर दबाव बनाने की भी कोशिश की. इस हिंसा में अब तक 5 लोग मारे गए हैं. इस घटना के बाद से ट्रंप की चौतरफा निंदा हो रही है. उन पर महाभियोग चलाए जाने की चर्चा चल रही है.

ट्रंप महाभियोग
प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा कि अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भीड़ को कैपिटल इमारत में घुसने के लिए भड़काने के मामले में ‘तत्काल’ इस्तीफा नहीं देते हैं तो सदन उन्हें हटाने के लिए महाभियोग लाने संबंधी प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ेगी. तीन नवंबर को हुए चुनाव में ट्रंप की हार के बाद जो बाइडेन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. पेलोसी ने एक बयान में कहा, ‘सदस्य उम्मीद करते हैं कि ट्रंप तत्काल इस्तीफा दे देंगे. लेकर अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो मैंने रूल्स कमेटी को निर्देश दिया है कि वे सांसद जेमी रस्किन के 25वें संशोधन और महाभियोग के प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ें.’

वहीं भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि महाभियोग प्रक्रिया तत्काल शुरू कर देनी चाहिए. सांसद कइयालीई कहेले ने कहा कि वह ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने का पूरी तरह समर्थन करते हैं, चाहे वह 25 वां संशोधन के इस्तेमाल के जरिए हो या उनके खिलाफ महाभियोग का चौथा अनुच्छेद लाना हो. ट्रंप के व्हाइट हाउस में बने रहने से अमेरिका को असुरक्षा है.

विदेशी मामलों पर हाउस कमेटी के अध्यक्ष सांसद ग्रेगरी मीक्स ने भी कमेटी के डेमोक्रेटिक सांसदों द्वारा ट्रंप पर महाभियोग चलाने की मांग का नेतृत्व किया. पेलोसी को लिखे पत्र में सांसदों ने कहा है कि लोकतंत्र के मामले में अमेरिका की वैश्विक नेतृत्व की स्थिति और कानून के शासन को बहाल करने के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना बेहद जरूरी है.

 

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