ओरमांझी में मिली लाश पर दावा कर रहे थे परिजन, चार माह से गायब थी नाबालिग

राजधानी रांची के सदर थाना क्षेत्र से पिछले चार माह से गायब नाबालिग को पुलिस ने बुधवार को पिस्का मोड़ से बरामद कर लिया है। नाबालिग अपने प्रेमी के साथ किराये के मकान में रह रही थी। लड़की को बरामद करने के बाद पुलिस ने इसकी जानकारी नाबालिग के परिजनों को दे दी है। पूछताछ के बाद नाबालिग को महिला थाने में रखा गया है। गुरुवार को मेडिकल जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि ओरमांझी में एक युवती के सिर कटी लाश मिलने के बाद युवती के परिजन उस लाश पर अपनी बेटी बताकर दावा कर रहे थे।

नाबालिग की मां के दावे के बाद पुलिस परिजनों का डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी कर रही थी। हालांकि, दूसरी ओर पुलिस की एक टीम नाबालिग के प्रेमी को ढूंढ़ने में जुट गई। मंगलवार को पुलिस को तब सफलता मिली जब नाबालिग का कथित प्रेमी पकड़ा गया। कड़ाई से पूछताछ के बाद उसने बताया कि जिस लड़की की हत्या की बात कही जा रही है वो जीवित है। उसी के निशानदेही पर नाबालिग को सकुशल बरामद कर लिया गया है।

परिजनों के व्यवहार से थी परेशान

सदर थाना प्रभारी वेंकटेश कुमार के अनुसार पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि मां-बाप काफी टॉर्चर करते थे। इसी से परेशान होकर भाग निकली। बहला-फुसला कर भगा ले जाने की बात को निराधार बताया। कहा कि शांति के लिए मां-बाप से छिपकर रह रही थी। इधर, हत्या का शोक मना रहे परिजनों को जैसे ही बेटी के जीवित होने की जानकारी मिली खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

सितंबर में गायब हुई थी नाबालिग

बीते 10 सितंबर 2020 में नाबालिग परिजनों को किसी प्रकार की जानकारी दिए गायब हो गई। मां-बाप ने बेटी के गायब होने की रिपोर्ट सदर थाना में करायी थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी अपने प्रेमी से घंटो फोन पर बात कर रही है। वही उसे बहला फुसला कर ले गया। पुलिस के साथ नाबालिग के परिजन भी अपनी बेटी की तलाश में जुटे थे लेकिन सफलता नहीं मिल पायी थी।

रिम्स में शव देखने के बाद बेटी होने का किया था दावा

बीते मंगलवार को रिम्स में शव देखने पहुंची नाबालिग की मां ने दावा किया था कि ये उसकी बेटी है। यहां तक दावा किया कि उसकी बेटी के पैर में काला तिल था और उसके पैर में जले निशान थे। कद काठी भी यही थी। साथ ही, शव को देखने के बाद पुलिस के समक्ष भी अपनी होने का दावा कर रही थी। हालांकि, पूर्व के अनुभवों को देखते हुए पुलिस किसी जल्दबाजी में नहीं थी। परिजनों के बातों पर विश्वास के बजाय अपना ध्यान उसके कथित प्रेमिका को खोजने में लगाया।

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