छत्तीसगढ़: सरकारी खरीदी में देरी से परेशान किसान व्यापारियों के हवाले कर रहे मक्का

कोंडागांव जिले के लगभग 65 हजार मक्का उत्पादक किसानों ने सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर मक्का खरीदी की आस में बड़े पैमाने पर मक्का की खेती की थी। मक्का की फसल तैयार होने के बाद सरकारी खरीदी में हो रहे विलंब के चलते जिले के अधिकांश मक्का उत्पादक किसानों ने अपनी फसल कम दाम पर व्यापारियों की हवाले कर रहे। वहीं विभागीय अधिकारी पंजीकृत किसानों से धान खरीदी के बाद फरवरी से मक्का खरीदी की बात कह रहे हैं। जिनमें 1850 प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य किसानों को दिया जाना तय है।

जबकि सरकारी मक्का खरीदी में विलंब के चलते परेशानी से बचने किसान व्यापारियों के पास 1000 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल में बेच रहे। देखा जाए तो मंडी के खुदरा मूल्य के सापेक्ष सरकारी समर्थन मूल्य में लगभग 600 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर है।

जिले में वर्ष 2020-21 में 31.170 हेक्टेयर में मक्का का उत्पादन लिया है। जिसमें खरीब 128 .450 मैट्रिक टन व रवि में 121.216 मेट्रिक टन मक्का का उत्पादन होता है। जबकि वर्ष 2019-20 में 28.230 हेक्टेयर में खरीब124.140 मेट्रिक टन, रबी में 154.378 मेट्रिक टन मक्का का उत्पादन हुआ था।

गौरतलब है कि मक्का उद्योग की बेहतर संभावनाओं को तलाशते हुए किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से 6 फरवरी 2019 को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ग्राम कोकोड़ी में क्षमता 300 मेट्रिक टन के 136.62 करोड़ की लागत से मक्का प्रोसेसिंग प्लांट की आधारशिला रखा है। मक्का प्रोसेसिंग प्लांट की आधारशिला रखते ही मां दंतेश्वरी मक्का सहकारी समिति गठित करने से जिले के 48 हजार किसानों ने लगभग 6 करोड़ 80 लाख रुपये का निवेश भी किया है।

मक्का उत्पादक किसान दुबे स्वर दीवान निवासी गिरोला, हेमधर पटेल निवासी करमरी ने नईदुनिया से कहा प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ से दो सौ क्विंटल मक्का का उत्पादन करते है। समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी से उम्मीद जगी थी, लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीदी ना होने से कितने दिनों तक इंतजार करते रहेंगे, दूसरी फसल की तैयारी के लिए खाद, बीज खरीदने व पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यापारियों के पास 1200 सौ रुपये की दर पर बेचने को मजबुर हुए। जबकि हम मां दंतेश्वरी मक्का सहकारी समिति के शेयर धारक किसान है।

जिले में मक्का खरीदी बंद नहीं है, धान खरीदी टाइम लिमिटेड होने से किसान धान पर ध्यान दे रहे, मक्का का प्रति वर्ष खरीदी अप्रैल तक का समय रहता है।

 

E-Paper