गाजियाबाद श्मशान घाट हादसे में अब तक 25 लोगों की मौत, ईओ समेत तीन गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मुरादनगर में स्थित श्मशान घाट में रविवार को हुए दर्दनाक हादसे में मरने वाले लोगों की तादाद 25 हो गई है। इस मामले में प्रशासन ने ठेकेदार, नगरपालिका की कार्यपालन अधिकारी सहित कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। ईओ समेत तीन लोगों को अरेस्ट किया गया है, जबकि ठेकेदार अब भी फरार बताया जा रहा है।

गाजिबाद पुलिस ने मुरादनगर नगरपालिका के ईओ निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष को अरेस्ट कर लिया है। जबकि आरोपी ठेकेदार अब भी फरार है। ये हैं वो लोग जिनकी लापरवाही गाजियाबाद के मुरादनगर में दो दर्जन से अधिक जिंदगियों पर भारी पड़ गई। गाजियाबाद पुलिस ने इन चारों समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। ये हदास उस समय हुआ जब लोग श्माशान घाट में एक शख्स का अंतिम संस्कार के लिए वहां पहुंचे थे। दरअसल दयानंद कॉलोनी के रहने वाले दयाराम की शनिवार की रात बीमारी के कारण मौत हो गई थी। रविवार को उनके अंतिम संस्कार के लिए परिजन मुरादनगर स्थित एक श्मशान घाट पहुंचे। अंतिम संस्कार में रिश्तेदार और आसपास के लगभग 100 लोग घाट पर पहुंचे थे। सुबह से हो रही बारिश की वजह से लोग श्मशान घाट परिसर में बने भवन के अंदर खड़े थे। तभी अचानक जमीन धंसने से दीवार बैठ गई और छत भरभराकर गिर गई।

बताया जा रहा है कि श्मशान घाट गैलरी के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। लोगों ने नगर पालिका और प्रशासन से इसकी शिकायत भी की थी। यही नहीं घटिया सामग्री का आरोप लगाकर पूर्व पालिकाध्यक्ष के पति ने निर्माण कार्य भी रोका था। अक्टूबर माह में पिलर खड़े करके उन पर लेंटर डाला गया। कुछ दिनों पहले ही लेंटर से शटरिंग हटाई गई थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि गैलरी 50 फीट लंबी और 23 फीट चौड़ी बनाई गई थी। लेंटर डालने के लिए जो पिलर बनाए गए तो उसकी बुनियाद कमजोर थी। इस कारण रविवार सुबह से हो रही बारिश का पानी नींव में चला गया और पिलर गिर गए।

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