किसान आंदोलन का 37वां दिन, सरकार से बातचीत से पहले आज किसानों की बड़ी बैठक

आज साल 2021 का पहला दिन है और कृषि कानूनों के खिलाफ नए साल में भी किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों के आंदोलन का 37वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच अबतक पूर्ण सहमति नहीं बन पाई है। किसानों ने फैसला किया है कि जबतक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तबतक वो नया साल नहीं मनाएंगे।

इन सबके बीच आज किसान संगठनों की अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में चार जनवरी को सरकार के साथ होने वाले  बैठक पर मंथन होगा। सिंघु बॉर्डर पर 80 किसान संगठनों की ये बैठक 2 बजे होगी।  इससे पहले किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला लेकिन विवाद के दो मुद्दों पर सहमति बन गई।  चार जनवरी को आठवें दौर की बैठक तय की गई है। इस बैठक से पहले किसान आगे की रणनीति बनाएंगे।

कड़ाके की सर्दी और  गिरते पारे के साथ-साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं।  लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं।

आपको बता दें कि सरकार और किसानों के बीच अबतक सात दौर की बातचीत हो चुके हैं लेकिन तमाम कोशिशें बेनतीजा रही है। किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह हटाने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार कानूनों को हटाने की जगह उनमें संशोधन करने की बात कह रही है। किसान संगठन कृषि कानूनों को रद करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने की मांग से नीचे आने को तैयार नहीं हैं।

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