चाणक्य नीति: भूलकर भी किसी से नहीं बतानी चाहिए यह बातें

आचार्य चाणक्य ने जीवन के अलग-अलग पहलूओं के बारे में अपनी चाणक्य नीति में लिखा है. उन्होंने अपनी चाणक्य नीति में धन, स्वास्थ्य, तरक्की, विजनेस और मित्रता संबंधी कई बातें कही हैं. आज हम आपको इस स्टोरी में वह बातें बताने जा रहे हैं जो चाणक्य नीति के अनुसार किसी से कभी नहीं कहनी चाहिए, चाहे आप कितने ही दुख में क्यों न हो.

कौन सी बातें किसी को कभी नहीं बतानी चाहिए

चाणक्य कहते हैं कि कुछ बातें ऐसी होती हैं जो किसी और से नहीं कहनी चाहिए. धन का नुकसान होने पर, पत्नी के गलत व्यवहार पर, मन में किसी बात के लिए दुखी होने पर, किसी नीच व्यक्ति के कुछ गलत या घटिया बातें सुन लेने पर. चाणक्य कहते हैं कि ये कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें दूसरों को नहीं बताना चाहिए.

क्यों नहीं कहनी चाहिए ये बातें

चाणक्य का मानना है कि इन बातों को सुनकर लोग आपका मजाक बनाएंगे. ऐसे में आपको उनसे सहानुभूति न मिलने पर आपको और अधिक दुख होगा. चाणक्य कहते हैं कि आपको अपनी निजी बातों को गुप्त ही रखना चाहिए.

इसी बात को इंगित करना चाणक्य का एक श्लोक है

अर्थनाश मनस्तापं गृहिण्याश्चरितानि च।
नीचं वाक्यं चापमानं मतिमान्न प्रकाशयेत॥

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