क्रिसमस पर प्रभु यीशु के इन विचारों को जीवन में उतारने का लें प्राण, होगा चमत्कार

क्रिसमस का पर्व प्रभु यीशु के जन्म दिन के रूप में मनाते हैं. 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में इस पर्व को मनाया जाता है. प्रभु यीशु के संदेशों में जीवन को जीने का मंत्र छिपा है. प्रभु यीशु के दर्शन को जिसने समझ लिया, उसने संसार को समझ लिया. प्रभु यीशु की शिक्षाओं को जो आत्मसात कर लेता है वह हर प्रकार के दुखों पर विजय प्राप्त कर लेता है. बाइबल, गीता का उपदेश, चाणक्य नीति या महापुरुषों की वाणी, सभी का सार, मनुष्य का कल्याण ही है. आज के दिन प्रभु यीशु इस धरती पर आए थे, और संपूर्ण विश्व को प्रेम और दया का संदेश दिया था.

क्षमा करना सीखो
क्षमा में बहुत शक्ति होती है. जिसने दूसरों को क्षमा करना सीख लिया उसने शत्रु को भी अपना बना लिया. प्रभु यीशु कहते हैं कि व्यक्ति को सात बार नहीं बल्कि सात बार के सत्तर गुना तक क्षमा करने के लिए तैयार रहना चाहिए. क्षमा एक गुण है जो व्यक्ति को सफल हीं नहीं बल्कि श्रेष्ट बनाने के लिए प्रेरित करती है.

प्रेम की शक्ति को पहचानो
प्रेम करने वालों के हृदय में ईश्वर निवास करते हैं. प्रभु यीशु कहते हैं कि प्रेम में समर्पण कर देना चाहिए. प्रेम में जो समर्पण कर देता है प्रभु उसे अपना लेते हैं. प्रेम ही सभी क्लेश,बुराईयों और कटुता को नष्ट करने की क्षमता रखता है. नफरत पर विजय प्राप्त करनी है तो प्रेम की शक्ति को पहचानो, प्रेम सदा ही बना रहता है, ये कभी अपने वजूद को नहीं खोता है. प्रेम ही ईश्वर है.

व्यक्ति को रोटी के लिए नहीं जीना चाहिए
प्रभु यीशु कहते हैं कि व्यक्ति को सिर्फ भोजन करने के लिए नहीं जीना चाहिए. ये जीवन बहुत बहुमूल्य है, इसका मोल पहचानो. इस जीवन को मानवता के कल्याण के लिए समर्पित कर दो और इस जीवन को प्रभु के मुख से निकले शब्दों की तरह जीना चाहिए.

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