
उत्तराखंड में सैलानियों की आवाजाही पर कहीं कोई रोक-टोक नहीं है। कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर होटल, रेस्टोरेंट, रिसॉट्र्स, होम स्टे, गेस्ट हाउस में क्रिसमस और नववर्ष पर होने वाले जश्न के कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है। पर्यटकों के वहां ठहरने पर कोई रोक नहीं है। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने गुरुवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विधायक प्रीतम सिंह की ओर से दी गई कार्यस्थगन की सूचना का जवाब देते हुए सदन को इस आशय की जानकारी दी।

विधायक प्रीतम सिंह ने क्रिसमस और नववर्ष पर होटलों में कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति न दिए जाने का मसला उठाते हुए कहा कि दूसरे प्रदेशों के पर्यटकों ने उत्तराखंड के होटलों में ठहरने को पहले ही बुकिंग कराई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ पर्यटन मंत्री दूसरे राज्यों के पर्यटकों को यहां आने का न्योता दे रहे हैं, वहीं प्रशासन द्वारा क्रिसमस व नववर्ष पर होटलों में कार्यक्रमों के आयोजन की इजाजत नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते होटल-रेस्टोरेंट संचालक पहले ही परेशान हैं और उस पर उन्हें एक लाख रुपये तक के पानी के बिल भेजे गए हैं। साथ ही वे बैंकों के ऋण की किस्त भी अदा नहीं कर पा रहे हैं। सरकार को इनकी परेशानी से मानो कोई सरोकार ही नहीं रह गया है।
जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री कौशिक ने कहा कि होटल, रेस्टोरेंट रिसॉट्र्स, होम स्टे, गेस्ट हाउस में पर्यटकों के ठहरने पर कोई रोक नहीं है। न उनके उत्तराखंड आने पर कोई रोक लगाई गई है। सिर्फ कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर क्रिसमस व नववर्ष पर होने वाले जश्न के कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि देशभर से पर्यटक यहां आएं और होटल, रिसॉट्र्स, होम स्टे व गेस्ट हाउसों में आकर ठहरें। पर्यटकों का राज्य में स्वागत है।