गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं ये पांच जीव, जानिए इसका रहस्य

गिरगिट के रंग बदलने वाली आदत के बारे में आपने सुना ही नहीं बल्कि देखा भी होगा। अपनी इस प्रकृति के लिए गिरगिट काफी मशहुर हैं। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि गिरगिट ही रंग बदलने में माहिर होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दुनिया में ऐसे कई अन्य जीव-जंतु भी हैं, जो रंग बदलने में गिरगिट से भी तेज हैं। रंग बदलने वाली ये सारी प्रजातियां में एक बात समान है कि वे शिकार से खुद को बचाने या फिर शिकार करने के लिए रंग बदलती हैं।

सीहॉर्स
सीहॉर्स एक समुद्री जीव है, जो गिरगिट की तरह रंग बदलने के लिए मशहूर है। ये जीव ना ही केवल डरने पर बल्कि अपनी भावनाओं के इजहार के दौरान भी अपने रंग को बदल लेता है। सीहॉर्स में क्रोमेटेफोर्स नामक तत्व होता है, जो इन्हें तेजी से और कई तरह का रंग बदलने में मदद करता है। डरने पर ये जीव कुछ सेकंड्स में रंग बदल लेते हैं, वहीं साथी से मिलन के दौरान रंग धीरे-धीरे बदलता है।

गोल्डन टॉरटॉइज बीटल
यह एक छोटा सा किड़ा है। अगर कोई इंसान इस जीव को छूने की कोशिश करता है, तो ये जीव तुरंत अपना रंग बदल लेता है। डर के मारे ये जीव अपना रंग बदलकर आसपास की किसी चीज में घुलमिल जाता है, जैसे कोई फूल या पत्ती या फिर मिट्टी। इतना ही नहीं ये जीव अपने साथी से मिलते हुए भी अपना रंग बदल लेते हैं। वैसे तो गोल्डन टॉरटॉइज बीटल सुनहरे रंग के होते हैं, लेकिन खास हालातों में ये लाल चमकीले रंग के हो जाते हैं।

मिमिक ऑक्टोपस
मिमिक ऑक्टोपस भी एक समुद्री जीव है, जो रंग बदलने में माहिर होते हैं। इस जीव को बुद्धिमान जलीय जीवों में से एक माना गया है, जो आमतौर पर प्रशांत क्षेत्र में पाए जाते हैं। ये किसी भी परिवेश में खुद को ढालने के लिए अपना रंग बदल लेते हैं। इसके साथ ही ये अपनी लचीली स्किन के कारण आकार भी बदल पाते हैं।

पेसिफिक ट्री फ्रॉग
यह मेढक उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है, जो रंग बदलने में माहिर है। इसके पैर काफी चिपचिपे होते हैं, जो इसे एक से दूसरे पेड़ और वातावरण में जाने में मदद करते हैं। यह मेंढ़क जैसे ही अपने आसपास कोई खतरा महसूस करता है, तो तुरंत अपना रंग बदलकर आसपास के पेड़-पौधों में एकदम मिल जाता है। इतना ही नहीं ये मेढक मौसम के मुताबिक भी रंग बदलता रहता है।

स्कॉर्पियन फिश
स्कॉर्पियन फिश शिकार करते समय या शिकारियों से बचाव के समय ही अपना रंग बदलती है। रंग बदलने में माहिर यह मछली बेहद जहरीली भी है। इसके रीढ़ की हड्डी में जहर भरा हुआ रहता है। इसे पकड़ने के लिए बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है, नहीं तो यह पल भर में जहर उड़ेल देती है।

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