किसान आंदोलन: राकेश टिकैत ने कहा- कृषि मंत्री से अभी तक कोई बैठक का निमंत्रण नहीं मिला

तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना मंगलवार को 27वें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने जानकारी दी है कि हमें कृषि मंत्री से अभी तक कोई बैठक का निमंत्रण नहीं मिला है। किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार सभी 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा। सरकार हमारे पास आएगी।

वहीं, दिल्ली से सटे साहिबाबाद के रामपुर में ट्रैक्टर-ट्रॉली रोके जाने के विरोध में यूपी गेट पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और राष्ट्रीय राजमार्ग-9 की दिल्ली से आने वाली लेन को किसानों ने बंद कर दिया है। अब यहां दिल्ली से आवाजाही पूरी तरह से बंद है। कुंडली बॉर्डर पर बैठे एक किसान ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में जहर खा लिया, जिसका रोहतक पीजीआइ में इलाज चल रहा है।

इस बीच किसान संगठनों के 11 प्रतिनिधियों ने सिंधु सीमा पर अनशन शुरू किया है जो लगातार जारी रहा। अनशन में हर दिन अलग-अलग किसान नेता हिस्सा ले रहे हैं। सिंघु बॉर्डर के साथ टीकरी और दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भी किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते रोजाना लाखों वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी कड़ी में किसानों के प्रदर्शन के चलते मंगलवार सुबह से ही दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों में जाम की स्थिति बन गई है। वहीं, 2 दिन पहले केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को एक बार फिर बातचीत का प्रस्ताव भेजा है। कृषि मंत्रालय की ओर से 40 किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में आंदोलन और पांच दौर की बातचीत की विस्तार से चर्चा की गई है।

वहीं, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत देशभर के विभिन्न राज्यों के सैकड़ों किसान संगठन लगातार केंद्र सरकार से तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और सरकार कानूनों में संशोधन करने के प्रस्ताव पर अड़ी हुई है। किसान संगठन और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन उसमें कोई ठोस नतीजा अभी नहीं निकला है।

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