ब्रिटेन में 2 माह के बच्चे को लगेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन, जानें कौन सी है बीमारी?

लंदन. ब्रिटेन (Britain) में महज 8 हफ्ते यानि दो महीने के एक बच्चे को दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन लगाया जाएगा. इस इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है. आप जैसे ही इस खबर की हेडलाइन पढ़ेंगे कि आठ हफ्ते के बच्चे (Eight Weeks Child) को 16 करोड़ रुपये की इंजेक्शन (Injection Of Sixteen Crore Rupees) लगाई जानी है तो ​लाजिमी है कि आपके मन में यह सवाल पैदा होगा कि आखिर उसे ​कौन सी तकलीफ है? आपको बता दूं कि बच्चे को जेनेटिक स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नाम की बीमारी है. ब्रिटेन में जन्मे आठ हफ्ते के बच्चे का नाम एडवर्ड है. एडवर्ड को इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए 1.7 मिलियन पाउंड यानी 16 करोड़ रुपए की जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगाई जाएगी.

जानें, क्या है SMA बीमारी?

जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी यानी SMA शरीर में एसएमएन-1 जीन की कमी से होती है. इससे सीने की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. यह बीमारी बच्चों को ही होती है और बाद में दिक्कत बढ़ने लग जाती है और मरीज की मौत हो जाती है. ब्रिटेन में यह बीमारी ज्यादा है और वहां हर साल करीब 60 बच्चे इस बीमारी के साथ पैदा होते हैं.

इस बीमारी का तीन साल पहले नहीं था कोई इलाज-

इस बीमारी का तीन साल पहले तक कोई इलाज ही मौजूद नहीं था. इस बीमारी को तीन तरह की जीन थैरेपी से दुरुस्त किया जाता है- जोलगेनेस्मा (16 करोड़ रुपये) ,ग्लिबेरा थैरेपी (7.3 करोड़ रुपये) और लक्सटुर्ना इंजेक्शन (6 करोड़ रुपये). यूरोप में जोलगेनेस्मा थैरेपी के इस्तेमाल की परमिशन दी गई है. इसे बनाने वाली कंपनी का कहना है कि यह एक दुर्लभ बीमारी है और इसके इलाज के लिए यह दवा एक बार ही रोगी को दी जाती है और यह बहुत महंगी है. 2017 में काफी रिसर्च और टेस्टिंग के बाद सफलता मिली और इंजेक्शन का उत्पादन शुरू किया गया. साल 2017 में 15 बच्चों को यह दवा दी गई थी जिसके बाद सभी 20 हफ्तों से ज्यादा दिनों तक जीवित रहे थे.

ब्रिटेन में हर साल 60 बच्चे एसएमए बीमारी लिए पैदा होते हैं-

ब्रिटेन में इस रोग से ज्यादा बच्चे पीड़ित हैं लेकिन वहां इसकी दवा नहीं बनती है. इस इंजेक्शन का नाम जोलगेनेस्मा है. ब्रिटेन में इस इंजेक्शन को इलाज के लिए अमेरिका, जर्मनी और जापान से मंगाया जाता है. इस बीमारी से पीड़ित मरीज को यह इंजेक्शन सिर्फ एक ही बार दिया जाता है इसी वजह से यह इतनी महंगी है क्योंकि जोलगेनेस्मा उन तीन जीन थैरेपी में से एक है जिसे यूरोप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है.

एडवर्ड के मां-पिता ने अपने बच्चे के इलाज के लिए क्राउड फंडिंग के जरिये पैसे जुटाने की मुहिम शुरू की है और उन्हें अब तक 1.17 करोड़ रुपये बतौर मदद मिल भी चुके हैं. उन्होंने कहा उनके लिए पैसे से ज्यादा कीमती बच्चे की जिंदगी है. ससेक्स में रहने वाले एडवर्ड के माता-पिता जॉन हॉल और मेगन विलीस कहते हैं कि वे अपनी बच्चे की जान बचाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे. वहीं मां मेगन कहती हैं कि इंजेक्शन बहुत ही ज्यादा महंगा है, लेकिन रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि यह बेहद कारगर भी है और इसने कई बच्चों की उम्र भी बढ़ाई है.

E-Paper