चीन पर लगा जासूसी का आरोप, Pfizer- AstraZeneca में मारी सेंध

बीजिंग/लंदन. एक चीनी अधिकारी के हवाले से ब्रिटेन के एक अख़बार ने दावा किया है जिनपिंग सरकार (Xi Jinping) ने ब्रिटेन (UK) की बड़ी हथियार कंपनियों, बैंक, फार्मा कंपनियों और यहां तक की कई कॉन्सुलेट और यूनिवर्सिटीज में भी ओने जासूस छोड़े हुए हैं. दावे के मुताबिक ये सभी जासूस कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Partys) के वफादार सदस्य हैं और सभी ज़रूरी सूचनाएं हाईकमान तक पहुंचाने का काम करते हैं. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लीक हुए कथित डेटा बेस के मुताबिक दुनिया भर ऐसे लोगों की संख्या करीब 19.5 लाख है. इस खुलासे में शंघाई के ब्रिटिश कॉन्सुलेट में भी एक जासूस होने का दावा किया गया है.

शंघाई स्थित ब्रिटिश कॉन्सुलेट में एक सीनियर अधिकारी कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य है. हालांकि, इसका कोई सबूत नहीं है कि किसी सदस्य ने चीन के लिए जासूसी की है. इस बारे में दावा किया जाने के बाद करीब 30 सांसदों ने कहा कि वे इस बारे में कॉमन्स (House of Commons) में सवाल करेंगे. टोरी पार्टी के पूर्व नेता डनकन स्मिथ का कहना है कि जांच से साबित होता है कि कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य पूरी दुनिया में फैल रहे हैं. बता दें कि अखबार ने दावा किया है कि उन्हें ये जानकारी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य रहे लेकिन अब जिनपिंग सरकार से नाराज़ कर रहे अधिकारी ने मुहैया कराई है.

चीन पर प्रतिबंध की मांग उठी-

इस खुलासे के बाद स्मिथ ने मांग की है कि सरकार को अब चीन के कॉन्सुलेट से कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को बाहर कर देना चाहिए. वे या तो ब्रिटेन के लिए काम कर सकते हैं या चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए, दोनों के लिए नहीं. वहीं, विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि विदेश में अपनी जानकारी और स्टाफ को सुरक्षित रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. सीनियर वाइटहॉल इंटेलिजेंस सूत्रों का कहना है कि इस जानकारी से सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है. जिस ऑफिस में ये अधिकारी है, वहां ब्रिटेन की सिक्यॉरिटी सर्विस के कर्मचारी भी हैं. ऐसे में हो सकता है कि वह उनकी पहचान कर रहा है.

Pfizer और AstraZeneca में भी जासूस-

खुलासे के मुताबिक सेंट ऐंड्रू यूनिवर्सिटी, एयरोस्पेस इंजिनियरिंग-केमिस्ट्री रिसर्च, ब्रिटेन की HSBC और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, Pfizer और AstraZeneca जैसी फार्मा कंपनियों, एयरबस, बोइंग और रॉल्स रॉयस में पार्टी के सदस्य हैं या रह चुके हैं. यह कथित डेटाबेस टेलिग्राम पर लीक हुआ है और चीन के एक बागी ने इंटरपार्लमेंटरी अलायंस ऑन चीन (IPAC) को दी. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में कुल 9.2 करोड़ सदस्य हैं लेकिन इसमें शामिल होने के लिए प्रतियोगिता काफी तेज रहती है. इसके लिए आवेदन देने वाले 10 में से सिर्फ एक शख्स को पार्टी में शामिल किया जाता है. सुरक्षा सूत्रों का मानना है कि शुरुआती डेटा लीक लीक इस बागी के जरिए ही आए हैं.

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