किसानों का दावा: दिल्ली में लगातार बढ़ रही किसानों की संख्या, हर दिन बड़ा हो रहा आन्दोलन

नई दिल्ली। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क पर उतरे किसानों ने सोमवार को अपनी मांग पूरी करवाने के लिए अनशन किया। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने भूख हड़ताल कर अपनी नाराजगी जाहिर की। कड़ाके की ठंड में अपने नेतृत्व के साथ किसान सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, आंदोलन शुरू होने से अब तक सड़क पर अलग-अलग वजहों शहीद हुए किसानों को मुख्य मंच से श्रद्धांजलि भी दी गई। 

संयुक्त किसान मोर्चे का कहना है कि दिल्ली के अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी जिला मुख्यालयों पर पहुंचकर किसानों ने तीनों कानूनों का विरोध जताया। सिंघु बॉर्डर समेत दिल्ली के सभी प्रदर्शन स्थलों के मुख्य मंच से तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल की किसान नेताओं ने शुरुआत की। सबसे पहले आंदोलन के दौरान 26 नवंबर से अब तक जान गंवाने वाले 20 से ज्यादा किसानों की याद में दो मिनट को मौन रखा गया। इसके बाद अनशन पर बैठे। नेताओं के साथ भारी संख्या में किसानों ने भी अनशन किया।

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बताया कि इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, बिहार उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड समेत दूसरे राज्यों में जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन हुए। इस मौके पर संबंधित जिला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। 

मोर्चा की तरफ से दावा किया गया है कि आंदोलन हर दिन तेज हो रहा है। दूसरे राज्यों से किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। इसका असर सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर पर देखा जा सकता है, जहां किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सरकार से किसान कानूनों को रद्द करने की मांग करते करते हुए किसानों ने शाम पांच बजे अनशन खत्म किया।

किसानों को किया जा रहा बदनाम-

किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार हर तरह का हथकंडा अपना रही है। कभी आतंकी कहती है, कभी नक्सल कहती है, कभी पाकिस्तान तो कभी चीन की बात करती है। हमें लोगों का समर्थन है। सरकार की कोशिश फूट डालो है, लेकिन किसान डटे हुए हैं। जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 

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