किसान आन्दोलन के चलते, पिता के बयान से दुखी युवराज ने मांगी माफ़ी

नई दिल्‍ली: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह के कुछ दिनों पहले कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शनों पर कुछ अपमानजनक टिप्पणियों से सोशल मीडिया पर बवाल मच गया था। हालांकि अब युवराज सिंह ने इसपर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए उनके बयान से खुद को अलग करने का पत्र सोशल मीडिया पर शेयर किया है।

युवराज ने अपने 39 वें जन्मदिन पर अपने पिता की विचारधाराओं से खुद को दूर करते हुए नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और भारत सरकार के बीच गतिरोध की स्थिति के त्वरित समाधान की मांग की है।

सोशल मीडिया पर एक बयान में, युवराज ने राष्ट्र के लिए किसानों के महत्व पर प्रकाश डाला और केंद्र सरकार के साथ शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से इसे निपटाने की बात कही है। उन्‍होंने लिखा, ”निस्संदेह, किसान राष्ट्र के जीवनदाता हैं और शांतिपूर्ण बातचीत से समस्या का समाधान किया जा सकता है।”

युवराज सिंह ने लिखा, “जन्मदिन पर इच्छा को पूरा करने का एक अवसर है और इस जन्मदिन को मनाने के बजाय मैं केवल कामना करता हूं और हमारे किसानों और हमारी सरकार के बीच चल रही बातचीत का त्वरित समाधान निकले।” उन्होंने आधी रात को ट्विटर पर इसको पोस्ट किया।

पिता की बातों से सहमत नहीं युवराज

अपने पिता योगराज द्वारा कुछ दिन पहले दिए गए भाषण पर निराशा व्यक्त करते हुए युवराज ने स्पष्ट किया कि वह अपने पिता के समान विचार नहीं रखते हैं। भारत क्रिकेटर ने कहा कि किसान सही चीज की मांग कर रहे हैं और सरकार को उन्हें सुनने की जरूरत है।

युवराज ने कहा, “मैं योगराज सिंह द्वारा दिए गए बयानों से दुखी और परेशान हूं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि उनकी टिप्पणी व्यक्तिगत क्षमता में की गई है और मेरी विचारधारा किसी भी तरह से उनके साथ मेल नहीं खाती हैं।” उन्‍होंने कहा, “किसान सही चीज की मांग कर रहे हैं, सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए।”

युवराज ने लोगों से कोविड-19 महामारी के खिलाफ सभी सावधानी बरतने का आग्रह किया, जिसके परिणामस्वरूप अभी भी दुनिया भर में सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है। उन्‍होंने लिखा, “मैं सभी से यह भी आग्रह करता हूं कि कोविद-19 के खिलाफ लड़ने के लिए सावधानी बरतने के लिए जारी रखें। महामारी अभी तक खत्म नहीं हुई है और हमें पूरी तरह से वायरस को हराने के लिए सावधान रहना जारी रखना चाहिए।”

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