बड़ी खबर उत्तराखंड में 184 केंद्रों पर, होगी डीएलएड प्रवेश परीक्षा, 40057 अभ्यर्थी लेंगे भाग

  • अनुरोध पर तीन सौ अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र बोर्ड ने बदले

देहरादून। उत्तराखंड में द्विवार्षिक डीएलएड प्रशिक्षण के लिए आज प्रवेश परीक्षा होगी। बोर्ड ने परीक्षा संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रदेश के 184 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा कराई जा रही है। करीब तीन सौ अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र उनके आवेदन करने के बाद बदल दिए गए हैं।

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की सचिव डॉ. नीता तिवारी ने बताया कि राज्य के 184 परीक्षा केंद्रों पर होने वाली डीएलएड प्रवेश परीक्षा में 40057 अभ्यर्थी भाग लेंगे। परीक्षा को सफल बनाने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी जनपद स्तर पर मुख्य नियंत्रक की भूमिका में कार्य करेंगे। प्रत्येक परीक्षा केंद्र में कोविड नियमों का पालन कराने की व्यवस्था की गई है। 

बजट को मोहताज रहे स्कूल- 

देहरादून शहर के 31 केंद्रों में शुक्रवार को डीएलएड प्रवेश परीक्षा होगी। इनमें कई अशासकीय स्कूल भी शामिल हैं। अशासकीय स्कूलों ने विभाग के 1400 रुपये बजट को नाकाफी बताया है। अशासकीय स्कूलों का कहना है कि विभाग द्वारा दिया गया बजट मामूली व्यवस्था करने में ही खत्म हो गया। मजबूरन स्कूलों को खुद की जेब से सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनर खरीदने पड़े।

उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद के महामंत्री एवं गांधी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल अवधेश कुमार कौशिक ने कहा कि अशासकीय स्कूल पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ऐसे में परीक्षा के आयोजन से उन पर और दबाव पड़ रहा है। कहा कि परीक्षा आयोजन के लिए सफाई, फोटोकॉपी और अन्य व्यवस्थाओं पर अनेक खर्चे होते हैं।

विभाग द्वारा दिया मामूली बजट इन्हीं खर्चों में खत्म हो गया। ऐसे में शिक्षक पैसे एकत्र कर सैनिटाइजर व थर्मल स्कैनर व अन्य आवश्यक उपकरण लाए। नारी शिल्प कन्या इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल मंजू रावत ने कहा कि स्कूल में सैनिटाइजर की कमी बनी हुई है। कक्षाएं रोजाना सैनिटाइज करनी पड़ती हैं। विभाग से ग्रांट भी नहीं मिल रही है। ऐसे में डीएलएड परीक्षा के लिए शिक्षिकाओं ने मिलकर सैनिटाइजर व थर्मल स्कैनर खरीदा। 

शिक्षा मंत्री व निदेशक को भी भेज चुके हैं ज्ञापन-

उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद के महामंत्री अवधेश कुमार कौशल ने बताया कि जबसे स्कूल खुले हैं, अशासकीय स्कूलों को विभाग की तरफ से सैनिटाइजर, उपकरण व अन्य व्यवस्थाओं के लिए कोई बजट नहीं मिला। प्रबंधन व अन्य सहयोग से किसी तरह व्यवस्थाएं चला रहे हैं। इसे लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे व निदेशक को भी ज्ञापन भेजा गया है।

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