मध्‍य प्रदेश पुलिस के, हत्थे चढ़ा साइको किलर दिलीप देवल, एनकाउंटर में हुई मौत

नई दिल्‍ली: मध्य प्रदेश के रतलाम में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने एक साइको किलर को एनकाउंटर में मार गिराया है। इस मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। साइको किलर दिलीप देवल गुजरात के दाहोद का निवासी था, जिसपर कई राज्यों में छह हत्या के मामले दर्ज थे।

रतलाम में एक परिवार के तीन सदस्यों- एक व्यक्ति, उसकी पत्नी और बेटी की 25 नवंबर को उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह लोग छोटी दिवाली मनाने में व्यस्त थे।

देवल और उसके लोगों ने उस रात पटाखों की आवाज़ में हत्‍या को अंजाम दिया। पुलिस ने कहा, उसने घटने के लिए हमला करने के लिए उस समय को चुना। देवल पर जून में एक महिला की हत्या का भी आरोप है।

पुलिस ने कहा कि देवल ने रतलाम में परिवार को लूटने का फैसला किया, क्‍योंकि परिवार ने हाल ही में कुछ जमीन बेची थी। इस मामले में तीन अन्य आरोपियों अनुराग मेहर, गौरव बिलवाल और लाला भाभोर को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने एक बयान में कहा कि देवल एक “साइको किलर” था जिसने बुजुर्गों को निशाना बनाया।

ऐसे देता था घटना को अंजाम-

शातिर बदमाश और लुटेरा दिलीप देवल ऐसा अपराधी था, जो लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद कोई निशान नहीं छोड़ता था। इतना ही नहीं कोई गवाह ही न रहे इसके लिए वह सामने आए व्यक्ति को गोली मारकर मौत के घाट उतार देता था।

रतलाम के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने बताया है कि दिलीप पिछले कुछ समय से रतलाम में रह रहा था और वह यहां चार हत्याएं कर चुका था, इससे पहले उसने गुजरात के दाहोद में दो हत्या की थी। वह एक साइको किलर बदमाश था। वह लूट आदि की वारदात को अंजाम देने के बाद व्यक्ति के सिर में गोली मारकर हत्या कर देता था। वह दाहोद से जमानत पर रिहा होने के बाद से बीते दो साल से फरार चल रहा था।

पुलिस के अनुसार, दिलीप ने रतलाम में आकर किराए का मकान लिया था और वह नाम बदलकर यहां रह रहा था। वह अपने को हिमांशु सोलंकी बताता था। इतना ही नहीं वह महिला के सहारे वह लोगों से दोस्ती बनाता और संबंधित के बारे में सारी जानकारी जुटाता था। इसके बाद अपनी योजना को अंजाम देता था।

बताया गया है कि वह जिस मकान में रहता था उसके सामने के दरवाजे का उपयोग नहीं करता था क्योंकि उसे इस बात की आशंका रहती थी कि कहीं उसका चेहरा किसी सीसीटीवी कैमरे में कैद न हो जाए। वह पीछे के रास्ते से आना-जाना करता था।

दिलीप के अपराध करने का तरीका अलग तरह का था। वह पहले संबंधित परिवार की पूरी रेकी कर लेता था, उससे नजदीकियां बनाता था और वारदात को अंजाम देता था। इतना ही नहीं वह जिस घर में वारदात को अंजाम देता था वहां जिस भी व्यक्ति से सामना होता था उसके सिर में गोली मार देता था।

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