यूएन महासभा में, कोरोना पर होगा विशेष मंथन, कई नेताओं के होंगे मत

वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में गुरुवार को करीब 100 विश्व नेता और कई दर्जन मंत्री कोविड -19 (Covid-19) को लेकर अपने विचार रखेंगे कि महामारी से उबरने का सबसे अच्छा रास्ता क्या है. इस गंभीर कोरोना वायरस ने अब तक 1.5 मिलियन लोगों की जान ले ली है अमीर और गरीब देशों में लाखों लोगों को बेरोजगार कर दिया. महासभा के अध्यक्ष Volkan Bozkir ने कहा कि “कई टीकों को मंजूरी की खबर के साथ, इसके लिए दुनिया भर में अरबों डॉलर खर्च किए जा रहे हैं. दुनिया नेतृत्व के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर देख रही है. यह हमारे लिए एक परीक्षा है.”

जब 2008 में वित्तीय बाजार ध्वस्त हो गए और दुनिया को बड़े संकट का सामना करना पड़ा, तब प्रमुख शक्तियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बहाल करने के लिए एक साथ काम किया, लेकिन कोविड -19 महामारी के दौरान इसका उलटा हुआ है. किसी नेता ने महामारी को रोकने के लिए कोई एकजुट कार्रवाई नहीं की है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के 80 प्रतिशत के भागीदार दुनिया के सबसे अमीर देशों के 20 नेताओं को मार्च के अंत में एक पत्र भेजा था कि वे कोविड -19 से लड़ने के लिए “युद्धकालीन” योजना बनाएं और कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए सहयोग करें. लेकिन कोई जवाब नहीं आया.

जनरल असेंबली के प्रवक्ता ब्रेंडेन वर्मा ने बुधवार को कहा, “इस विशेष बैठक का मुद्दा कोविड-19 की मुसीबत पर बहुपक्षीय और सामूहिक तरीके से अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए ठोस कार्रवाई करना है.” उन्होंने कहा कि महामारी के लिए वर्तमान में कई प्रतिक्रियाएं हैं, लेकिन अब सभी देशों, संयुक्त राष्ट्र, निजी क्षेत्र और वैक्सीन डेवलपर्स को एक साथ लाने की जरूरत है.

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