दिल्ली में लड़ी जाएगी किसानों की लड़ाई: चौधरी राकेश टिकैत

 भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) किसानों के हित के लिए अब राज्यों की बजाय दिल्ली में आर-पार की लड़ाई लड़ेगी। 23 सितंबर को हरिद्वार से  दिल्ली के लिए कूच कर मांगें पूरी होने तक आंदोलन किया जाएगा। सोमवार को हरिद्वार में आयोजित यूनियन के राष्ट्रीय अधिवेशन में यह एलान किया गया। 

हरिद्वार के रोड़ीबेलवाला मैदान में जुटे किसानों ने राज्य सरकारों पर उपेक्षा का आरोप जड़ते हुए कहा कि अब चुप नहीं बैठेंगे। वक्ताओं ने आंदोलन की रणनीति के लिए सुझाव दिए। इन पर चर्चा के बाद सर्वसम्मति से तय किया गया कि दिल्ली में डेरा डालकर सरकार पर मांगे मनवाने को दबाव बनाया जाएगा। 

यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा ने चुनाव में वादा किया था कि किसानों को आय दोगुना की जाएगी, उन्हें कर्ज मुक्त किया जाएगा, फसलों का दाम लागत से दोगुना दिया जाएगा, लेकिन चार साल गुजरने के बाद भी इनमें से कोई वायदा पूरा नहीं हुआ। इसके उलट किसानों का उत्पीडऩ बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अधिवेशन में तय हुआ कि किसान भाकियू के बैनर तले 23 सितंबर को हरिद्वार से दिल्ली राजघाट के लिए  पैदल मार्च शुरू करेंगे। दो अक्टूबर से दिल्ली में बेमियादी आंदोलन शुरू किया जाएगा। 

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युद्धवीर सिंह ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार किसानों के बलबूत पर ही बनी थी, लेकिन अब सरकार बनाने के बाद भाजपा किसानों को भूल बैठी है। राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीवानचंद, उप्र इकाई के अध्यक्ष राजबीर सिंह, उप्र महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष केतकी, गढ़वाल मंडलाध्यक्ष संजय चौधरी ने भी अधिवेशन में विचार रखे।

गन्ना भुगतान को नोएडा में महापंचायत 16 जुलाई को  

अधिवेशन में गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 16 जुलाई को नोएडा में महापंचायत का एलान किया गया। यह भी तय हुआ कि इससे पहले नौ जुलाई को जिला स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

E-Paper