पीएम मोदी ने कहा- छल और भ्रम में फंसे किसान, गंगाजल जैसी पवित्र नीयत से हो रहा काम

नई दिल्ली।  देव दीपावली पर दमकती काशी की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून पर आंदोलित किसानों को बड़ा संदेश दिया। उन्होंने नए कानून पर विपक्ष के भ्रम, छल और अफवाह को नकारते हुए मां गंगा के घाट और काशी की पवित्र धरती को साक्षी मानकर कहा- छल से नहीं, गंगाजल जैसी पवित्र नीयत से काम किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा- किसानों को छलने वाले ही फैला रहे हैं कृषि कानूनों पर डर। कहा, जिन किसान परिवारों की नए बिल पर चिंताएं व सवाल हैं, सरकार उनका जवाब दे रही है और समाधान का प्रयास कर रही है। भ्रम फैलाने वालों का सच देश के सामने आ रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पीएम मोदी के साथ वाराणसी में मौजूद रहे।

देव दीपावली पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के खजुरी से प्रयागराज-वाराणसी सिक्सलेन चौड़ीकरण के बाद राजघाट पर पहला दीपक जलाया। इससे पहले उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेस प्रदेश की संज्ञा देकर प्रधानमंत्री ने कृषि सुधार बिल पर फैल रही अफवाहों और आशंकाओं पर खुलकर बात की। देश और किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से हमारा अन्नदाता आत्मनिर्भर भारत की अगुवाई करेगा। आज जिन किसानों को बिल पर शंकाएं हैं, वे भी भविष्य में इसका लाभ लेकर आय बढ़ाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा- सरकार के प्रकल्प और किसान के विकल्प से देश का कायाकल्प होगा। मगर, दशकों से झूठ और छलावा करने वाले लगातार भ्रम फैला रहे हैं। एक विषय पर झूठ किसान समझ जाते हैं तो वे दूसरे विषय पर छल करने का प्रयास करते हैं। नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प मिल रहे हैं। नए कानून में उन्हें संरक्षण ही दिया गया है। पहले मंडी से बाहर ही लेनदेन होता था, छोटे किसानों से धोखा होता था और छोटा किसान मंडी पहुंच ही नहीं पाता था। मगर, नए कानून में नए विकल्प के साथ छल और धोखे से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण है।

हमारे लिए देश विरासत, कुछ लोगों के लिए परिवार-

प्रधानमंत्री ने दीपोत्सव की शुरुआत से राजघाट पर पर्यटन विभाग के पावन पथ वाराणसी डाट काम पोर्टल का रिमोट बटन से लोकार्पण किया। उन्होंने मां अन्नपूर्णा की चोरी हुई मूर्ति के वापसी का जिक्र करते हुए कहा, सौ साल पहले माता अन्नूपर्णा की मूर्ति चोरी हो गई। फिर से माता अन्नपूर्णा अपने घर वापस आ रही है। इसका साक्षी चंद्रमा है। ये हमारी अमूल्य विरासत हैं। विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर प्रयास पहले होता तो ऐसी कई मूर्तियां वापस मिल गई होती। हमारे लिए विरासत का मलतब देश की धरोहर है। उनके लिए विरासत का मतलब अपना परिवार, परिवार का नाम है।

विरोध का आधार नहीं-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- सरकारें नीतियां और कानून कायदे बनाती हैं। कायदों में सवाल लोकतंत्र का हिस्सा और भारत की परंपरा रही है। पिछले कुछ समय से अलग ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। पहले सरकार का कोई फैसला पसंद नहीं आता था, तब विरोध होता था, मगर अब विरोध का आधार फैसला नहीं, भ्रम फैलाकर आशंकाएं बढ़ाना है। यह आशंकाएं ऐसी हैं, जिनका कोई आधार नहीं है।

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