शोध में हुआ बड़ा खुलासा, ब्लैकहोल के करीब पहुंची पृथ्वी, हम खतरे में हैं या नहीं: शोधकर्ता

हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि हमारा सौरमंडल अब हमारी गैलेक्सी के केंद्र में स्थित ब्लैकहोल के ज्यादा नजदीक है
मिल्की वे स्पाइरल आकाशगंगा का एक प्रकार है जिसके अंदर हमारा सौरमंडल मौजूद है

नई दिल्ली: ब्रह्मांड में हर दिन अलग-अलग तरह की घटनाएं होती रहती हैं. वहीं, शोधकर्ता भी शोध कर ब्रहमांड के बारे में दुनिया को नई-नई जानकारियां देते रहते हैं. हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि हमारा सौरमंडल अब हमारी गैलेक्सी के केंद्र में स्थित ब्लैकहोल के ज्यादा नजदीक है जबकि पहले यह थोड़ा दूर मापा गया था. शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि हमारा सौरमंडल Sagittarius A* नाम के इस ब्लैकहोल के चक्कर भी तेजी से लगा रहा है.

शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि हमरा सौरमंडल बेहतर स्थिति में है. हालांकि, पहले ये ब्लैकहोल से थोड़ा दूर बताया गया था. शोधकर्ताओं ने बताया गया कि फ़िलहाल के लिए हमारे सौरमंडल पर कोई खतरा नहीं है. लेकिन आगे चलकर स्थिति का जायजा लेना ज़रूरी रहेगा.

मिल्की वे का सटीक नक्शा बनाना आसान नहीं-

आपको बता दें कि मिल्की वे का सटीक नक्शा बनाना आसान नहीं है. इसका दायरा काफी बड़ा है और शोधकर्ता अब भी इसके ऊपर रिसर्च करने में जुटे हुए हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि मिल्की वे का सटीक नक्शा बनाने में अभी वक्त लग सकता है. उनका मानना है कि अन्तरिक्ष में तारों और पिंडों का नक्शा बनाना आसानी है, लेकिन इसके बीच की दूरी कितनी है इस बारे में अभी और स्टडी की जा रही है. यही एक वजह है कि अन्तरिक्ष से जुडी कई जानकारी अभी हमारे पास मौजूद नहीं है.

क्या है मिल्की वे?

मिल्की वे स्पाइरल आकाशगंगा का एक प्रकार है. इसके अंदर हमारा सौरमंडल मौजूद है. जब हम रात के समय आकाश की ओर देखते हैं तो हमें सफेद रंग की चमकदार रौशनी दिखती है. आपको बता दें कि मिल्की वे में दो सौ बिलियन से भी ज्यादा तारे मौजूद हैं.

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