हरदोई के जिला अस्पताल में स्ट्रेचर पर ढोया जा रहा सामान, गोद में और पैदल ले जाए जा रहे मरीज

हरदोई के जिला अस्पताल में स्ट्रेचर पर ढोया जा रहा सामान, गोद में और पैदल ले जाए जा रहे मरीज, बदहाल जिला अस्पताल की खस्ताहाल व्यवस्था

एंकर:> इंसान भूलकर भी बीमार पड़ना नहीं चाहता है सरकारे बीमार लोगों के इलाज के लिए अरबों रुपए पानी की तरह बहा रही है बीमारों के इलाज के लिए अस्पताल और उन्हें लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस और अस्पताल के अंदर तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई है जिससे बीमार पीड़ित घायल दर्द से तड़पते हुए मरीज को इमरजेंसी से वार्ड तक ले जाने की व्यवस्थाएं स्वास्थ्य महकमे की तरफ से की गई है काफी लंबे चौड़े स्टॉप पर भारी भरकम स्वास्थ्य मंत्रालय और सरकारों की तरफ से आम लोगों की कमाई से निकले हुए टैक्स लगान इत्यादि के माध्यम से अच्छे इलाज की व्यवस्थाएं की गई है लेकिन अगर इन व्यवस्थाओं का लाभ मरीजों को ना मिले तो दोष किसे दिया जाए– शायद बीमार अस्पताल के बीमार सिस्टम की कहानी हरदोई के जिला अस्पताल में यह तस्वीरें बयां कर रही हैं और अधिकारी आंखें बंद कर सिर्फ कोरा कार्यवाही का आश्वासन दे रहे हैं। 

 

वीओ:> सीएमओ सीएमएस ईएमओ डॉक्टर वार्ड बॉय रोगी सहायता केंद्र और फिर एक लंबा चौड़ा स्वास्थ्य विभाग का लश्कर–सरकारों के द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं और उनका गुणगान लेकिन जमीनी हकीकत शुन्य–दर्द से तड़पते मरीज इलाज के लिए डॉक्टरों की राह देखते तीमारदार हाथ में ग्लूकोज की बोतल पकड़े पैदल मरीज इंतजार एक बेड का जो शायद हरदोई के जिला अस्पताल में मिलना मुश्किल है क्योंकि इन मरीजों का हाल लेने वाला यहां कोई नहीं है–गोद में इस अस्पताल से उस अस्पताल के चक्कर लगाता मरीज और उनके तीमारदार इलाज ना मिलने पर प्राइवेट अस्पताल का रुख करते मरीज यही सीन है हरदोई के जिला अस्पताल का–जिन स्ट्रेचर पर मरीजों को 1 वार्ड से दूसरे वार्ड ले जाने की व्यवस्था है हरदोई के जिला अस्पताल में उन स्ट्रेचरों के ऊपर सामान कुर्सियां इत्यादि धोई जा रही है लगता है इस अस्पताल में कोई सिस्टम नहीं है उन्हें देखने वाला कोई अधिकारी कर्मचारी नहीं है मरीज अगर ठीक हो गया तो वह उसकी किस्मत है नहीं तो मरना तो उसकी जैसे किस्मत में लिखा ही गया है यह तस्वीर है हरदोई के बदहाल जिला अस्पताल की खस्ताहाल व्यवस्था की जिसे देखने वाला शायद कोई नहीं है। 

 

वीओ:> कहीं ना कहीं यह पीड़ित मरीज गुहार लगा रहे हैं उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज योगी आदित्यनाथ से–कि उन्हें कब उनके आश्वासनों के हिसाब से इलाज का हक मिलेगा कब उनका इलाज जिला अस्पताल के अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों में शुरू होगा–उत्तर प्रदेश के लगभग अस्पतालों की हालत बद से बदतर है जहां इलाज के अभाव में दम तोड़ते बच्चे दम तोड़ते मरीज हैं और उनकी लाशों पर रोते-बिलखते परिवारीजन है इसलिए सरकारों को आम जनता की आवाज सुननी होगी और सिस्टम में बैठे ठेकेदारों की चाभी कसनी होगी जिससे गरीबों को उनके हक का इलाज नसीब हो। 

 

पीटीसी—- आशीष सिंह 

 

बाईट:> रामवीर उपाध्याय (सीएमएस हरदोई जिला अस्पताल)

बाईट:> पीड़ित मरीज के तीमारदार

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