यूपी-पंजाब में स्कूल खुलने के साथ-साथ, जारी गाईडलाईन के साथ नियमों में कई बदलाव

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस महामारी का कहर थमता नहीं दिख रहा है. देश में हर रोज कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की पुष्टि की जा रही है. इस बीच देश के कई हिस्सों में सात महीने से बाद स्कूल आज से स्कूल खुलने जा रहे हैं. इस दौरान स्कूलों को कोरोना वायरस से जुड़ी गाइडलाइन का पालन करना जरुरी है.

कोरोना वायरस के संकट के कारण पुरे देश में लॉकडाउन भी किया गया था. जिसके बाद अब देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इस अनलॉक की प्रक्रिया के तहत केंद्र सरकार ने राज्यों को स्कूल खोले जाने की अनुमति दे दी है, जिसके चलते कई राज्यों ने 15 अक्टूबर से स्कूल खोले जाने का फैसला लिया था तो वहीं कई राज्य में आज सोमवार 19 अक्टूबर से स्कूल खोल रहे हैं.

देश में आज से उत्तर प्रदेश, पंजाब और सिक्किम जैसे राज्यों में स्कूल खोले जा रहे है. वहीं स्कूल खोलने को लेकर राज्य सरकारों ने अपनी गाइडलाइन भी तैयार कर जारी की है, जिनका पालन कोरोना संकट के बीच किया जाना है. आज से पंजाब में कंटेनमेंट जोन से बाहर की 9-12 तक की कक्षाओं को खोला जाएगा.

वहीं उत्तर प्रदेश में भी आज से स्कूल खुल गए है. कोरोना महामारी के मद्देनजर छह महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए यूपी में स्कूल खुल गए. उत्तर प्रदेश में अभ‍िभावकों की अनुमत‍ि के बगैर बच्चे स्कूल में नहीं आ सकते है.

क्या है नियम?

बात दे कि फर्नीचर, स्टेशनरी, कैंटीन, लैब के साथ ही पूरे परिसर व क्लास रूम को दिन में रोज एक बार सैनिटाइज करना होगा. एक क्लास में एक दिन में 50 फीसदी बच्चे ही बैठ सकेंगे. दूसरे दिन बाकी के बच्चों की पढ़ाई होगी. दो स्टूडेंट्स के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी होना अनिवार्य है. इसके अलावा सबसे सख्त नियम यह है कि कोई भी स्टूडेंट अपने अभ‍िभावक की ब‍िना ल‍िख‍ित अनुमत‍ि के स्कूल नहीं आ सकेगा.

इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जाएगा. कोशिश ये रहेगी कि अभिभावक अपने बच्चे को खुद छोड़ने आये और बच्चे को अपने साथ ही ले जाएं. बच्चे को यूनिफार्म में फुल आस्तीन की शर्ट, फुल पैंट और जूते-मोजे पहनना अनिवार्य होगा. गाइडलाइंस का पालन करना बहुत अनिवार्य होगा. क्लासरूम के अंदर मास्क उतारने की अनुमति नहीं रहेगी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन में कहा गया है कि स्कूलों की तरफ से स्टूडेंट्स पर कक्षाओं में आने के लिए कोई दबाव नहीं डाला जाए. यहां तक कि स्कूल जाने के लिए छात्रों को अभिभावकों की लिखित अनुमति को सबसे जरूरी माना गया है. इसके अलावा स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रख सकेंगे.

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