अब विदेश में भी बढ़ी इस भारतीय साइकिल की मांग, 2022 तक कमाएगी 1000 करोड़

नई दिल्ली: कोरोना संकट के इस दौर में देश में ही नहीं विदेश में भी साइकिल की मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस मांग की वजह से कोरना संकट की वजह से आई मंदी के बीच साइकिल उद्योग में तेजी देखी जा रही है। देशी की अग्रणी साइकिल विनिर्माता कंपनी हीरो साइकिल को वर्ष 2022 तक विदेशी कारोबार से 1,000 करोड़ रुपये की कमाई करने का अनुमान है। कंपनी ने यह यह अनुमान दुनियाभर में साइकिल, ई-बाइक और ऑटोमोटिव कम्पोनेंट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए लगाया है।

देश की अग्रणी साइकिल और कम्पोनेंट्स मैन्युफैक्चरर एचएमसी ग्रुप ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि उसका इंटरनेशनल रेवेन्यू यानी विदेशी कारोबार से होने वाली आय वित्तवर्ष 2022 तक 1000 करोड़ रुपये को पार कर सकती है। यही नहीं, ग्रुप ने वित्तवर्ष 2024 तक अपनी आय तिगुनी करने का लक्ष्य रखा है।

हीरो मोटर्स कंपनी में हीरो साइकिल, एवोसेट स्पोर्ट्स (यूके), बीएसएच (श्रीलंका), फायरफॉक्स, स्पर और ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्च रर हीरो मोटर्स शामिल हैं। कंपनी ने बताया कि उसका कारोबार यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका में मजबूत बढ़ा है, जहां कोविड-19 महामारी के कारण साइकिल, ई-साइकिल के साथ-साथ ऑटोमोटिव कम्पोनेंट्स के मांग में भी वृद्धि हुई है।

ग्रुप के इंटरनेशनल रेवेन्यू में एचएमसी के विश्व स्तर पर अधिग्रहण किए गए ब्रांडों की बिक्री शामिल है साथ ही भारत में निर्मित ऑटोमोटिव कम्पोनेंट्स का निर्यात भी इसमें शामिल है। हीरो मोटर्स कंपनी (एचएमसी) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज एम. मुंजाल ने कहा, “एचएमसी के वर्टिकल इंटीग्रेशन स्ट्रेटजी के तहत विगत वर्षों के दौरान रणनीतिक अधिग्रहण के जरिए बिक्री, मार्केटिंग और रिसर्च तथा डेवलपमेंट के लिए आउटपोस्ट तैयार किए गए हैं, जिनमें ब्रिटेन में इन्सिंक बाइक और जर्मनी में एचएनएफ जीएमबीएच शामिल हैं और अब इनसे फायदा होने लगा है।

अंतरराष्ट्रीय कारखानों को अब भारतीय कारखानों के साथ एकीकृत किया जा रहा है, जिसे पारंपरिक रूप से चीन, ताइवान, कंबोडिया, पूर्वी यूरोप आदि के लिए आउटसोर्स किया गया था। भविष्य को ध्यान में रखते हुए बनाई गई रणनीति और वैश्विक मांग में आई तेजी से हमें वित्तवर्ष 2022 तक इंटरनेशनल रेवेन्यू 1,000 करोड़ रुपये के पार जाने की उम्मीद है।

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