उत्तराखंड में कॉलेज खोलने की नहीं मिली इजाजत, जानें अन्य कई फैसले

प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थान खोलने की अनुमति नहीं दी है। बुधवार को कैबिनेट बैठक में इस विषय पर लंबी चर्चा हुई, लेकिन सरकार ने त्यौहारी सीजन के दौरान पैदा हुए संक्रमण की थाह लेने तक, इस निर्णय को टाल दिया है। अब कॉलेज दिसंबर में ही खुलने के आसार हैं। इसमें भी प्रैक्टिकल कक्षाओं का ही संचालन हो सकेगा।

यूजीसी कॉलेज खोलने का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ चुकी है। इसी क्रम में उच्च शिक्षा विभाग और तकनीकी शिक्षा विभाग ने एसओपी तैयार कर, प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थान खोलने का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने रखा था। निजी शिक्षण संस्थान खासकर सरकार पर कॉलेज खोलने का दबाव बनाए हुए हैं।

लेकिन कैबिनेट ने फिलहाल इस निर्णय को टाल दिया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार, त्यौहारी सीजन के दौरान फैले संक्रमण की थाह लेने तक कॉलेज खोलने का निर्णय टाल दिया है। अब यदि कोरोना संक्रमण की स्थिति काबू में रही तो दिसंबर में ही कॉलेज प्रैक्टिकल कक्षाओं के लिए खुल पाएंगे।

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक, विभागों से इस बारे में कुछ और जानकारी मांगी गई है। इसी के बाद कॉलेज खोलने पर निर्णय होगा। फिलहाल प्रदेश में दसवीं, बारहवीं की कक्षाएं ही संचालित हो पा रही हैं।

विश्वविद्यालय टॉपर को मिलेगा पुरस्कार-

देहरादून। कुमांऊ विश्वविद्यालय और श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से कला, विज्ञान और वाणिज्य वर्ग के टॉपर छात्र- छात्राओं को सरकार पुरस्कार प्रदान करेगी। स्नातक स्तर के टॉपर को पचास हजार और स्नातकोत्तर स्तर के टॉपर को 75 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे। प्रदेश कैबिनेट ने मुख्यमंत्री मेधावी छात्र पुरस्कार योजना पर मुहर लगा दी है।
इसके तहत प्रत्येक वर्ष कुमांऊ विश्वविद्यालय और श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से कला, विज्ञान और वाणिज्य वर्ग में टॉपर प्रथम तीन छात्रों अलग- अलग पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक स्नातकोत्तर स्तर पर प्रथम स्थान पर आने वाले छात्र को 75 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे।

इसी तरह दूसरे स्थान पर आने वाले छात्र को 60 और तीसरे स्थान के लिए 30 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे। जबकि स्नातक स्तर के टॉपर को 50 हजार, दूसरे स्थान के लिए 30 और तीसरे स्थान के लिए 15 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे। किसी भी श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त करने के लिए न्यूनतम साठ प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

सैमेस्टर सिस्टम के छात्रों के मामले में अंतिम दो सैमेस्टर के अंक जोड़े जाएंगे। इसमें बैक परीक्षा के अंकों को शामिल नहीं किया जाएगा। स्नातक प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के टॉपर को मिलाकर कुल मिलाकर प्रतिवर्ष 54 छात्रों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा, इसी तरह स्नातकोत्तर स्तर पर प्रथम, द्वितीय वर्ष के टॉपर को मिलाकर कुल 36 छात्रों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

पीएसी में महिला संवर्ग के प्रमोशन को अलग कोटा-

देहरादून। पीएससी और आईआरबी में महिला आरक्षी, मुख्य आरक्षी, सब इंस्पेक्टरों के अब प्रमोशन जल्द हो सकेंगे। सरकार ने इनके प्रमोशन के लिए अलग कोटा निर्धारित कर दिया है। बुधवार को कैबिनेट ने प्रांतीय सशस्त्र पुलिस (पीएसी, एपी एवं आईआरबी) के सेवा नियमावली में यह संशोधन किया है।

अभी तक पीएसी और आईआरबी में महिला व पुरुष आरक्षी, मुख्य आरक्षी, सब इंस्पेक्टर और दल नायक और प्रतिसार निरीक्षक में प्रमोशन के लिए महिला-पुरुष का एक ही ढांचा था। अब इससे अलग-अलग कर दिया है। इससे सशस्त्र पुलिस बल में प्रमोशन की राह आसान हो गई है। वहीं, सब इंस्पेक्टर रैंक में भर्ती व प्रमोशन के तीन स्रोत बना दिए हैं।

सब इंस्पेक्टर के 33 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती होगी, जबकि 33 फीसदी अन्य पद महिला आरक्षी और मुख्य आरक्षियों के रैंकर्स परीक्षा की जरिए की जाएगी, जबकि बाकी पद मुख्य आरक्षी संवर्ग से वरिष्ठता से भरे जा सकेंगे। इस फैसले से सबसे बड़ा फायदा उनका आरक्षी और मुख्य आरक्षियों को हुआ है जो रैंकर्स परीक्षा पास नहीं कर पाते थे। वहीं महिलाओं के शारीरिक दक्षता के मानक भी अलग कर दिए हैं।

फोरम के अध्यक्ष को मिलेगा-

राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग एवं जिला उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष और सदस्यों का चयन व वेतन अब केंद्र सरकार के मानक के अनुसार ही होंगे। राज्य सरकार ने केंद्र एक्ट की शर्तों को लागू कर दिया है। आयोग अध्यक्ष के चयन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनेंगी। वहीं, फोरम के अध्यक्ष चयन पर अलग से निर्णय लिया जाएगा। आयोग अध्यक्ष का वेतन अपर सचिव रैंक के बराबर होगा।

57 विभागों के 140 अनुभागों में ई ऑफिस शुरू करने की तैयारी-

देहरादून। राज्य सचिवालय के 57 विभागों के 140 अनुभागों में जल्द ई ऑफिस की व्यवस्था लागू होगी। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार को कैबिनेट के सामने इस संदर्भ में प्रजेंटेशन दिया गया। विदित है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कार्मिक और आईटी विभाग को 25 दिसम्बर तक हर हाल में ई सचिवालय की व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इसी क्रम में बुधवार को सचिवालय में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान सचिव आईटी आरके सुधांशु की ओर से ई सचिवालय और ई मंत्रि मंडल के संदर्भ में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। सरकारी प्रवक्ता कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने आईटी विभाग को जल्द से जल्द ई सचिवलय और ई कैबिनेट की व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिए है।

ई सचिवलय की व्यवस्था लागू होने से सचिवालय के कामकाज में तेजी आएगी और फाइलों के मूवमेंट में कम समय लगेगा। इसके साथ ही सूचनाओं के आदान प्रदान में भी तेजी आएगी। कौशिक ने बताया कि सचिवालय में बड़े स्तर पर पेपरों का इस्तेमाल होता है। उन्होंने बताया कि 12500 पेज की खपत एक पेड़ के बराबर होती है।

803 अधिकारी, कर्मचारियों को प्रशिक्षण-

कौशिक ने बताया कि ई सचिवालय और ई मंत्रिमंडल की व्यवस्था को लागू करने के लिए 803 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे कामकाज में तेजी आएगी।

सचिवालय में ई सचिवालय की व्यवस्था लागू होने से 2732 ई फाइलों का सृजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ई सचिवालय की प्रक्रिया के तहत सभी उपयोगकर्ताओं को सरकारी ई मेल आईडी व डिजिटल साइन दे दिए गए हैं।

यह होगा फायदा-

  • कार्य कुशलता आएगी
  • पेपर लेस ऑफिस की अवधारणा पूरी होगी
  • आग, दीमक का खतरा कम होगा
  • फाइलों का रखरखाव आसान होगा
  • सूचनाओं को ढूंढने में समय नहीं लगेगा
  • पत्रावलियों का मूवमेंट तेज होगा
  • कहीं से भी काम करने की सुविधा
  • कोरेाना महामारी जैसी स्थिति में खासी उपयोगी
  • 80 प्रतिशत पेपरों की बचत होगी

इन कार्यालयों में सफलतापूवर्क चल रहा ई ऑफिस
वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास निदेशालय, आईटीडीए, सूचना आयोग, युवा कल्याण। इसके अलावा देहरादून, यूएस नगर और बागेश्वर जिले में भी ईऑफिस की व्यवस्था सफलता पूवर्क चल रही है।

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