त्योहारों के सीजन में बिक्री तो बढ़ी, लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियों ने हड़पे अधिकतर ग्राहक

इस फेस्टिव सीजन में सेल्स तो बढ़ी है, लेकिन ये भी ध्यान रखने की बात है कि ऑफलाइन सेल में गिरावट आई है। अधिकतर ग्राहक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की तरफ खिंचे चले आए।

ऑनलाइन रिटेल इस फेस्टिव सीजन में रेकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। करीब 53 फीसदी स्मार्टफोन ऑनलाइन बेचे गए। वहीं 37-38 फीसदी टेलीविजन बिके, 15-20 फीसदी रेफ्रीजरेटर और वॉशिंग मशीन बिके, 30-40 फीसदी कपड़े बिके और करीब 5 फीसदी एफएमसीजी प्रोडक्ट बिके। करीब साल भर पहले तक इन कैटेगरी में ई-कॉमर्स के जरिए सिर्फ 2-35 फीसदी तक की सेल होती थी।

इस फेस्टिव सीजन में सेल्स में आई 10 फीसदी की तेजी-

अक्टूबर से शुरू हुए करीब महीने भर के फेस्टिव सीजन में ऑनलाइन सेल में करीब 10 फीसदी की तेजी देखी गई। इस फेस्टिव सीजन की शुरुआत नवरात्रि और दुर्गा पूजा से हुई, जिसमें दशहरा, करवाचौथ, धनतेरस, दिवाली और भाई दूज भी आए। एलजजी, सैमसंग, हिंदुस्तान यूनीलीवर, एप्पल, आईटीसी, रिलायंस रिटेल, आदित्य बिरला फैशन, अरविंद फैशन, लिवाइस और डोमिनोज ने ई-कॉमर्स सेल में एक बड़ी तेजी देखी।

ऑफलाइन से ऑनलाइन शिफ्ट हुए ग्राहक-

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट विजय बाबू कहते हैं कि कुल सेल्स के तहत देखा जाए तो ऑनलाइन सेल इस फेस्टिव सीजन में करीब 15 फीसदी बढ़ गई है। आईटीसी के फूड बिजनेस के चीफ एग्डजिक्यटिव हेमंत मलिक कहते हैं कि कोरोना की वजह से ग्राहक ऑफलाइन से ऑनलाइन शिफ्ट हो गए हैं। उन्हें यह भी आशंका जताई है कि ग्राहको का ये शिफ्ट कोरोना के बाद भी जारी रह सकता है।

ऑफलाइन स्मार्टफोन ​बेचने वालों की दिवाली रही फीकी-

पिछले साल से तुलना की जाए तो इस साल रिटेलर्स ने पाया है कि उनकी सेल्स में 10-20 फीसदी की गिरावट आई है। इस दिवाली लोगों ने ऑफलाइन बाजार से फोन नहीं खरीदे, बल्कि ऑनलाइन ही शॉपिंग की। दिवाली पर रिटेलर्स की सेल दो खास वजहों से कम रही। पहला ये कि लोग कोरोना की वजह से अभी भी बाहर निकल कर शॉपिंग करने से बच रहे हैं। ऐसे में वह ऑनलाइन शॉपिंग को तरजीह दे रहे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग पर ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने तमाम तरह के ऑफर देकर भी ग्राहकों को लुभाया। ऑफलाइन सेल कम होने की दूसरी बड़ी वजह ये रही कि तमाम ब्रैंड्स की तरफ से स्मार्टफोन की उपलब्धता ही सुनिश्चित नहीं की जा सकी, जिसके चलते दुकान में ग्राहकों को फोन मिला ही नहीं, तो वे खरीदते क्या।

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