नदी घाट, तालाब, झील, जलाशय किनारे छठ पूजा पर लगी तगड़ी पाबंदियां, घर में ही करनी होगी पूजा

सूबे में नदी घाट, तालाब, झील और अन्य किसी भी प्रकार के जलाशय के किनारे सामुदायिक रूप से छठ पूजा सरकार ने पाबंदी लगा दी है। राज्य सरकार ने यह फैसला कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किया है। नदी या तालाब के आसपास किसी तरह के स्टॉल लगाने पर भी रोक लगा दी गई है। घाटों पर चिह्निकरण, बैरीकेडिंग या विशेष प्रकार की रौशनी से सजावट भी प्रतिबंधित कर दी गई है। छठ पूजा पर सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे भी नहीं फोड़े जा सकेंगे। साथ ही किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत या मनोरंजन से जुड़े आयोजनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। मतलब यह कि झारखंड में अब निजी तौर पर लोग अपने घर पर ही छठ पूजा कर सकेंगे।

छठ पूजा को लेकर गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने उपरोक्त पांचों तरह के प्रतिबंध से संबंधित आदेश जारी कर दिया है। इससे पहले छठ पूजा के आयोजन को लेकर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारिणी समिति बैठक हुई। इस दौरान स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी और आपदा सचिव डा.अमिताभ कौशल भी मौजूद रहे। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि नदी घाट, तालाब, झील, जलाशय के किनारे सामुदायिक रूप से छठ पूजा के दौरान सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए दो गज की दूरी मुमकिन नहीं होगी। अर्घ्य के समय भी दो गज की दूरी नहीं रखी जा सकेगी। फेस कवर या मास्क के नियम का भी पालन नहीं हो सकेगा।

राज्य कार्यकारिणी समिति ने यह भी माना कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अर्घ्य देने के लिए नदी में भक्तों के उतरने के दौरान सामाजिक दूरी का पालन भारी भीड़ के कारण मुमकिन नहीं होगा। नदी, तालाब, झील, जलाशय आदि में सामूहिक रूप से भक्तों के स्नान से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। इस करण ही राज्य सरकार ने अब तक स्वीमिंग पुल खोलने की अनुमति नहीं दी है। इन तमाम पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए नदी घाट, तालाब, झील, जलाशय के किनारे छठ पूजा मनाने की अनुमति नहीं दी गई है।

निजी स्थान पर मना सकेंगे छठ:

निजी स्थान पर कोविड-19 प्रोटोकॉल और सामाजिक दूरी के अनुपालन के साथ छठ पूजा मनाई जा सकेगी। लोग अपने घर या छत पर ही हौदा बनाकर छठ पूजा कर सकेंगे। यह चलन देश के कई बड़े शहरों में देखा जाता रहा है। सरकार ने खुले स्थान पर 200 लोगों के जुटान की छूट छठ पूजा के लिए नहीं देने का फैसला लिया है। दिवाली की ही तरह पटाखे भी निजी स्थान पर रात आठ से दस बजे के दौरान फोड़े जा सकेंगे। कम प्रदूषित 14 शहरों में ग्रीन पटाखे ही जलेंगे। अन्य 10 शहरों चतरा, गढ़वा, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, कोडरमा, जामताड़ा और दुमका में 125 डेसीबल से कम आवाज वाले पटाखे निजी स्थान पर निर्धारित समय के दौरान फोड़े जा सकेंगे। सूर्योदय के अर्ध्य के समय सुबह छह से आठ बजे के दौरान निजी स्थान पर पटाखे जलाने की अनुमति रहेगी।

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