भारत में कैसे आया समोसा और समोसे में आलू, जानें पूरी बात

जब भी घर में शाम के समय हल्के-फुल्के नाश्ते की बात होती है, तो बच्चे, बूढ़े सभी के जुबान पर चटपटे समोसे का नाम पहले आता है. क्योकि यह एक ऐसी डिश है जिसे सभी लोग बड़े चाव से खाते हैं. लेकिन क्या आप जानते है समोसा भारत का नहीं है. लेकिन अगर ये भारत का नहीं है तो यहाँ आया कैसे? चलिए आज हम आपको बताते है समोसे जुड़े उसके इतिहास.

समोसा हमारे पसंदीदा समोसे का इतिहास बहुत पुराना है. देश में इस व्यंजन की शुरूआत होने से पहले भारत के आसपास के देशों में समोसा खाया जाता था.

ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले समोसे बनाने का काम ईरान में शुरू हुआ था.

समोसे का आकार तिकोना कैसे और कब से हुआ, इस बारे हमे ज्यादा जानकारी नहीं है.

फारसी शब्द से मिला समोसा नाम-

सभी लोगो का कहना हैं कि फारसी भाषा के संबोसाग शब्द से समोसा शब्द बना है. इतिहासकारों के अनुसार मोहम्मद गजनवी के शाही दरबार में एक नमकीन डिश परोसी जाती थी और इस डिश को मीट कीमा और सुखा मेवा भरकर बनाया जाता था. उसी को देख कर समोसा बनाया गया है.

भारत में करीब 2000 साल पहले समोसा आया, जब आर्य भारत आए थे. मध्य एशिया की पहाड़ियों से गुजरते हुए समोसा भारत पहुंचा था.

भारत आने के बाद समोसे में हुए कई बदलाव-

भारत में आने के बाद समोसे में कई तरह के बदलाव हुए हैं. हम जो समोसा खाते हैं, उसमे कई तरह के स्वादिष्ट मसाले आलू के साथ मिलाकर भरे जाते हैं.

ऐसा कहा जाता है कि सोलहवीं सदी में जब पुर्तगाली भारत आए, तब वे आलू लेकर आए थे. उसी के बाद से समोसे में आलू भरा जाने लगा.

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