इन स्‍कूलों में दाखिले और प्रवेश परीक्षा के नियमों में बड़ा बदलाव, जानें नये शेड्यूल

परीक्षा अगले वर्ष 10 जनवरी को होगी। इसके लिए एनटीए ने शनिवार को विस्तृत शेड्यूल जारी किया है। कुछ राज्‍यों ने अपने यहां स्‍कूल नहीं खोले हैं और ऑनलाइन क्‍लॉस जारी है।

अनलॉक 5 के बाद से देश भर में स्‍कूलों को खोले जाने की प्रक्रिया जारी है। हालांकि कोरोना संकट के चलते अभी सभी बच्‍चे स्‍कूल नहीं जा रहे हैं। कुछ राज्‍यों ने अपने यहां स्‍कूल नहीं खोले हैं और ऑनलाइन क्‍लॉस जारी है। इस बीच सैनिक स्‍कूलों में दाखिले का नियम बदल दिया गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने स्‍कूलों में दाखिले का नया शेड्यूल जारी किया है। बदली हुई व्‍यवस्‍था के बाद अब देश भर के 33 सैनिक स्कूलों में कक्षा छह व नौ में दाखिले के लिए सिर्फ एक परीक्षा होगी। परीक्षा अगले वर्ष 10 जनवरी को होगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए एनटीए ने शनिवार को विस्तृत शेड्यूल जारी किया है। कक्षा 6 में प्रवेश के लिए 300 नवंबर का पेपर होगा। गणित में 150, इंटेलीजेंस, लैंग्वेज और जीके के लिए 50-50 अंक तय होंगे। इसी तरह कक्षा 9 के लिए प्रवेश परीक्षा में कुल 400 अंक के प्रश्न पूछे जाएंगे। इनमें गणित 200, इंटेलीजेंस, इंग्लिश, जीके और सोशल साइंस के 50-50 अंक होंगे।अभी तक सभी सैनिक स्कूल अपनी-अपनी परीक्षा कराते हुए मेरिट बनाकर दाखिला लेते थे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के सिटी कोआर्डिंनेटर वीके मिश्रा ने बताया कि इस प्रवेश परीक्षा की जो मेरिट बनेगी, उसी आधार पर सैनिक स्कूलों में काउंसिलिंग कर प्रवेश लिया जाएगा।

इन बातों का रखना होगा ध्‍यान-

कक्षा 6 और 9 में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा ओएमआर बेस्ड होगी।

19 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे

-फार्म भरते समय उस शहर का नाम देना होगा जहां केंद्र चाहते हैं।

  • कक्षा 6 के लिए: 31 मार्च 2021 को 10 से 12 वर्ष के बीच आयु होनी चाहिए।
  • कक्षा 9 के लिए: 31 मार्च 2021 तक 13 से 15 साल के बीच आयु होनी चाहिए।

गुजरात सरकार 23 नवंबर से खोलेगी स्‍कूल कॉलेज, अभिभावक नाराज-

कोरोना महामारी में करीब 8 माह स्कूल व कॉलेज बंद रखने के बाद गुजरात सरकार ने 23 नवंबर से स्कूल, कॉलेज व अन्य व्यवसायिक पाठ्यक्रम के संस्थान खोलने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह घोषणा की गई। उधर अभिभावकों ने सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। शिक्षामंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्‍मा ने बताया कि गुजरात में मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र तथा स्नातक के अंतिम वर्ष के छात्रों को 23 नवंबर के बाद से स्कूल में कॉलेज में बुलाया जाएगा। कक्षा 9 से 12 के छात्रों को ओड इवन तरीके से स्कूल में पढ़ाया जाएगा, कक्षा 9 व 11 को सप्ताह के पहले 3 दिन तथा कक्षा 10वीं व 12वीं के छात्रों को शेष 3 दिन बुलाया जाएगा। छात्र मास्‍क लगाने के साथ, पानी की बोतल, पुस्तकें तथा अपना नाश्ता लेकर आएंगे। स्कूल प्रशासन को इस बात की हिदायत दी गई है कि छात्र एक दूसरे से खाने पीने की चीजें तथा पानी आदान-प्रदान नहीं करें। आने जाने के लिए छात्र अपने साधन का ही उपयोग करेंगे।

राज्यमंत्री विभावरी दवे ने बताया कि केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के मुताबिक राज्य सरकार ने स्कूल कॉलेज खोलने का फैसला किया है। बोर्ड कक्षाएं संचालित करने वाली सभी निजी व सरकारी तथा अनुदानित स्कूल दीपावली के बाद खुलेगी तथा स्कूल संचालकों व प्राचार्य को स्कूल के पास मेडिकल सुविधा की व्यवस्था रखने, स्कूल कॉलेज आने वाले बच्चों के सोशल डिस्टेंसिंग, सेनीटाइजिंग, स्कूल में हाथ धोने के लिए साबुन तथा पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि जब नेता ही सोशल डिस्‍टेंसिंग नहीं रखते तो बच्‍चे कैसे रख पाएंगे। अभिभावक विशाल पटेल व मनीषा परमार ने तो यहां तक कहा कि बच्‍चों को क्‍या म्रत्‍यू प्रमाण पत्र लेने के लिए स्‍कूल भेज दें। वहीं जक्षाबेन का कहना है कि जब तक संसद शुरु नहीं हो जाती है तथा वैक्‍सीन उपलब्‍ध नहीं होगी, बच्‍चों को स्‍कूल नहीं भेजेंगी।

स्‍कूल खोलने को लेकर अभी भी कई राज्‍य संशय में

सरकार द्वारा स्‍कूलों को खोले जाने की गाइडलाइन जारी करने के बाद भी अभी भी कई राज्‍य संशय में हैं। लगभग आधे शैक्षणिक वर्ष चले गए, एक महामारी के दौरान शिक्षा और सुरक्षा तक पहुंच के बीच व्यापार बंद पूरे भारत में बातचीत करने के लिए आसान नहीं रहा है। हालांकि कुछ राज्यों ने सतर्कता के साथ स्कूलों को खोल दिया है, लेकिन सुरक्षा उपायों के बावजूद अन्य राज्यों ने अपनी योजनाओं को रोक दिया है। तमिलनाडु, जिसने शुरू में स्कूलों और कॉलेजों की घोषणा 16 नवंबर से शुरू की थी, अब अभिभावकों की राय लेगा। तेलंगाना भी परामर्श ले रहा है, जबकि मेघालय इस महीने के अंत में एक कॉल करेगा। सिक्किम ने पहले घोषणा की थी कि वह कक्षाएं फिर से शुरू करेगा लेकिन अब उसने अपनी योजनाओं को टाल दिया है।

आंध्र प्रदेश में 879 शिक्षकों और 575 छात्रों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि 2 नवंबर को स्कूल फिर से खुलने से पहले शिक्षकों ने सभी का परीक्षण किया, उसके बाद छात्रों ने परीक्षण किया। स्कूल बंद नहीं हुए हैं।लेकिन आंध्र में कोराेना स्पाइक के कारण, पड़ोसी ओडिशा ने 16 नवंबर से धीरे-धीरे स्कूलों को फिर से खोलने की अपनी योजना को समाप्त कर दिया है। अधिकांश राज्यों के लिए जो पहले फिर से खोलने का फैसला किया था, फिर से बंद करना संभव नहीं है। मसलन, उत्तराखंड में पौड़ी गढ़वाल जिले के 23 स्कूलों के 80 शिक्षकों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पांच दिनों के लिए स्कूलों को बंद करने के बाद उन्हें साफ किया जा सकता है, वे फिर से खुलेंगे।

हरियाणा में, नरवाना के एक सरकारी स्कूल में तीन छात्रों ने 2 नवंबर को फिर से स्कूल खोलने के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कुछ दिनों के अंतराल के बाद, अन्य छात्र सोमवार को वापस आ जाएंगे। पंजाब में, जहां फाजिल्का जिले में चार शिक्षकों ने 19 अक्टूबर को कक्षाओं में वापस जाने के बाद की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यह केवल हिमाचल प्रदेश है, जहां 40 शिक्षकों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, और मिजोरम, जहां आठ छात्र संक्रमित थे। कोविड मामलों वाले स्कूलों को अनिश्चित काल के लिए फिर से बंद कर दिया गया है।

यूजीसी एक सप्ताह में देगा फेलोशिप की लंबित राशि

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) तथा सीनियर रिसर्च फेलो की लंबित राशि एक सप्ताह में दे देगा। आयोग के सचिव रजनीश जैन ने बताया कि कुछ तकनीकी अड़चनों के कारण राशि वितरण में देरी हुई। अब उनका समाधान हो गया है। एक सप्ताह में बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए दिशा-निर्देश जारी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अपने परिसरों को फिर से खोलने के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए और जारी किए। यूजीसी ने इस बीच छात्रावासों को भी तय सुरक्षा मानकों के साथ खोलने की अनुमति दी है, लेकिन एक कमरे में एक ही छात्र को रहने की अनुमति होगी। यदि किसी छात्र में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उसे छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसे लेकर छात्रावासों पर नियमित नजर रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।

यूजीसी ने इस बीच छात्रावासों को भी तय सुरक्षा मानकों के साथ खोलने की अनुमति दी है, लेकिन एक कमरे में एक ही छात्र को रहने की अनुमति होगी। यदि किसी छात्र में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उसे छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसे लेकर छात्रावासों पर नियमित नजर रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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