विभाग का पैसा अपने ऐश ओ आराम पर उड़ा रहे FCI के CMD

देश पिछले 9 महीने से देश करोना जैसी महामारी से जूझ रहा है जहां एक तरफ गरीबों के लिए एक वक्त का भोजन नसीब नहीं हो रहा है, युवा बेरोजगार है, वही भारतीय खाद्य निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक वीडी प्रसाद महंगे महंगे होटलों में रुक कर अपने शौक पूरे कर रहे हैं, हाल ही में उन्होंने उदयपुर, राजस्थान सहित कई प्रदेशों का औचक निरीक्षण किया जोकि बेहद शाही अंदाज का रहा. साहब उदयपुर पहुंचे तो ओबरॉय वेडी वेल्स के आलीशान पांच सितारा होटल में जाकर ठहरे….जिसका एक दिन का खर्च एक दो हजार नहीं बल्कि 57000 था, शायद यह होटल साहब के स्टेटस के हिसाब से छोटा था इसलिए वह अगले दिन वह ताज होटल पहुंच गए, जहां जाकर उन्होंने सारे ऐश किए और 2 दिन का खर्च 2 लाख 10000 आया यानी औसत जोड़ा जाए तो एक लाख से ज्यादा का एक दिन का साहब का सिर्फ होटल का खर्च है. अब साहब को कौन बताए कि यह कोरोना काल चल रहा है, सरकार एक तरफ पैसा बचा कर गरीबों की मदद करने की कोशिश कर रही है वही सीएमडी साहब अपने ऐश और आराम में विभाग का पूरा पैसा लूटा रहे हैं. निरीक्षण का बहाना करके उदयपुर पहुंचे सीएमडी किसी गेस्ट हाउस में भी रुक सकते थे लेकिन उन्होंने वहां सबसे महंगे होटल में ही रहना मंजूर किया….

चौंकाने वाली बात यह है कि श्री प्रसाद 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं ऐसे में नौकरी के आखिरी पड़ाव में उसकी इस तरह की फुजूल खर्ची से कहीं न कहीं सरकार पर बोझ पड़ रहा है। साहब हर महीना कहीं ना कहीं दौरे पर जाते हैं और उनका खर्च इसी प्रकार का रहता है। एफसीआई के सूत्रों के मुताबिक सीएमडी के लिए खर्च की कोई सीमा नहीं है इसलिए भी साहब खर्च में कोई गुरेज नहीं करते। अब सवाल इस बात का उठता है कि ऐसे अधिकारियों के खर्च की समीक्षा क्यों नहीं होती । लोगों के पैसे का दुरुपयोग अपने आराम के लिए करना कितना जायज है। जो संस्था पूरी तरह से सब्सिडी पर चल रही है उसके अधिकारी इस तरह की फिजूलखर्ची और मनमानी करेंगे तो निचले स्तर के कर्मचारियों का क्या होगा। सरकार को भी इस बात पर मंथन करने की जरूरत है कि अगर ऐसे शाही खर्च वाले अधिकारी उनके विभाग में होंगे तो विभाग का बंटाधार होना तय है.

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