महीनों बाद शुरू हुई लोकल ट्रेन, डिबों में भूसे जैसे भरे लोग, अधिक ट्रेनों की है आवश्यकता: सीएम ममता

पश्चिम बंगाल में सात महीने से ज्यादा समय बाद बुधवार से उपनगरीय ट्रेन सेवाओं का परिचालन शुरू तो हो गया। इस दौरान लोगों की भीड़ के कारण कोरोना संबंधी सुरक्षा दिशानिर्देशों की धज्जियां उड़ती दिखीं। कोच में इस कदर यात्रियों की भीड़ थी की सामाजिक दूरी का पालन कराना प्रशासन के बस के बाहर की बात थी। रेल प्रशासन की ओर से मास्क लगाने, सामाजिक दूरी का पालन करने और भरे कोच में ना चढ़ने की उद्घोषणा की जा रही थी, लेकिन यात्रियों पर इसका कोई असर होता नहीं दिखा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बुधवार को रेल प्रशासन से अनुरोध किया कि वह और अधिक ट्रेन चलाए ताकि कोच में यात्रियों को भीड़ का सामना नहीं करना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि भीड़ के कारण ट्रेन यात्रियों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।

हालांकि सुबह ट्रेन चलने पर ज्यादा भीड़ नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया ट्रेन में भीड़ बढ़ती गई। सियालदह और हावड़ा टर्मिनल पर लोगों की भीड़ इतनी अधिक थी कि लोग पास-पास खड़े दिखे। पूर्व और दक्षिण पूर्व रेलवे के तहत चलने वाली लोकल ट्रेन सेवाओं का परिचालन शुरू हो गया। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ये सेवाएं रोक दी गईं थीं। यात्रियों ने लोकल ट्रेन की सेवा शुरू होने पर खुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि इससे ना केवल यात्रा समय बचेगा, बल्कि पैसे भी बचा सकेंगे।

इन ईएमयू ट्रेन में पहले भीड़ नहीं देखी गई, लेकिन धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी। लोग कम खर्चीले यात्रा साधनों का उपयोग करना ज्यादा बेहतर समझते हैं। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे कोविड-19 नियमों का पालन करें। स्टेशन परिसरों और ट्रेन के भीतर मास्क पहनना अनिवार्य है।

एक अधिकारी ने बताया कि पूर्वी रेलवे सियालदह खंड में 413 उपनगरीय ट्रेन और हावड़ा खंड में 202 ट्रेन बुधवार से चलनी शुरू हो गई हैं । वहीं दक्षिण-पूर्व रेलवे 81 नियमित ट्रेन का परिचालन कर रहा है। नदिया जिले के कल्याणी के रहने वाले संजय दत्त ने कहा-मुझे सॉल्ट लेक क्षेत्र के सेक्टर पांच में अपने कार्यालय तक पहुंचने के लिए दो बसें बदलनी पड़ती थीं, ट्रेन की जगह बस यात्रा में दोगुना समय लगता था और पैसे भी ज्यादा खर्च करने पड़ते थे।

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