फायर डिटेक्शन से 1 मिनट मेें आग पर काबू, डीआरडीओ का नया फॉर्मूला

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यात्री वाहनों को विशेष रूप से बसों में आग लगने की घटनाओं का तुरंत पता लगाने और उस पर काबू पाने वाली प्रणाली विकसित की है जिसका प्रदर्शन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष किया गया।

फायर डिटेक्शन एंड स्प्रेशन सिस्टम-

डीआरडीओ के ‘फायर एक्सपलोसिव एंड एनवायरन्मेंट सेफ्टी सेंटर’ द्वारा विकसित ‘फायर डिटेक्शन एंड स्प्रेशन सिस्टम’ (एफडीएसएस) महज 30 सेकेंड में वाहन में आग लगने का पता लगाकर एक मिनट में उस पर काबू पा कर जान माल के नुकसान में काफी हद तक कमी कर सकता है।

डीआरडीओ भवन के सामने प्रदर्शन-

इस प्रणाली का प्रदर्शन यहां डीआरडीओ भवन में किया गया और मंत्रियों को इसकी कार्य प्रणाली के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी। इस प्रणाली में वाहन में 80 लीटर पानी की क्षमता वाला टैंक और 6.8 किलोग्राम नाइट्रोजन का सिलेंडर फिट किया जाता है। टैंक से पानी की अनेक ट्यूब जोड़ी गयी हैं जो वाहन के विभिन्न हिस्सों तक जाती है। इंजन के लिए एयरासोल जनरेटर लगाया जायेगा जो सिस्टम के चालू होने के पांच सेकेंड में आग पर काबू पा सकता है।

टीम की सराहना-

इस मौके पर राजनाथ सिंह ने यह सिस्टम विकसित करने वाले वैज्ञानिकों की टीम की सराहना की। नितिन गडकरी ने कहा कि यह यात्री वाहनों की सुरक्षा की दृष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण है। डीआरडीओ के अध्यक्ष डा जी सतीश रेड्डी ने भी वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।

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