बेस्‍ट हैं ये योगासन, आज से ही करें रूटीन में शामिल

आज सोमवार के लाइव योगा सेशन (Live Yoga Session) में कई महत्‍वपूर्ण योगाभ्‍यास सिखाए गए. कुछ लोग लंबे समय से वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. ऐसे में उन्‍हें सर्वाइकल पेन की दिक्‍कत न हो और कंधे आदि मजबूत बने रहें इसके लिए कुछ सूक्ष्‍म व्‍यायाम बेहद कारगर होते हैं. साथ ही वृक्षासन जैसे ध्‍यानात्‍मक आसन भी महत्‍वपूर्ण हैं, जो शरीर को ऊर्जावान बनाने के साथ इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाते हैं. इसके अलावा व्‍यायाम से पहले ये तीन नियम जरूर ध्‍यान रखें कि गहरा लंबा श्‍वास लें, गति का पालन करें और अपनी क्षमता के अनुसार योग करें. नियमित रूप से योग करने से शरीर में एनर्जी (Body Energy) का संचार तो होता है.

साथ ही कई प्रकार की बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है. योग से व्यक्तित्व का विकास होता है. इन व्यायाम को करने से शरीर का लचीलापन भी बढ़ता है और मोटापा घटता है.

वृक्षासन-

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं. अब अपने दोनों हाथों को जांघों के पास ले आएं. इसके बाद धीरे-धीरे अपने दाएं घुटने को मोड़ते हुए उसे अपनी बाईं जांघ पर रखें. अब धीरे से सांस खींचते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं. अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर नमस्कार की मुद्रा बनाएं और गहरी सांसें भीतर की ओर खींचते रहें. अब सांसें छोड़ते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें और धीरे से हाथों को नीचे की ओर ले आएं. इसके बाद इसी प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ भी दोहराएं.

ये डाइजेशन इंप्रूव करता है. ताड़ासन योग पूरे शरीर को लचीला बनाता है. यह एक ऐसा योगासन है जो मांसपेशियों में काफी हद तक लचीलापन लाता है. यह शरीर को हल्का करता है और आराम देता है. इसके अलावा शरीर को सुडौल और खूबसूरती भी प्रदान करता है. शरीर की अतिरिक्त चर्बी को पिघालता है और आपके पर्सनैलिटी में नई निखार लेकर आता है.

ताड़ासन करने का तरीका-

इसके लिए सबसे पहले आप खड़े हो जाएं और अपने कमर और गर्दन को सीधा रखें. अब आप अपने हाथ को सिर के ऊपर करें और सांस लेते हुए धीरे धीरे पूरे शरीर को खींचें. खिंचाव को पैर की उंगली से लेकर हाथ की उंगलियों तक महसूस करें. इस अवस्था को कुछ समय के लिए बनाए रखें ओर सांस ले सांस छोड़ें. फिर सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे अपने हाथ और शरीर को पहली अवस्था में लेकर आएं. इस तरह से एक चक्र पूरा होता है.

ताड़ासन के फायदे

वजन कम करता है
कमर दर्द में आराम
हाइट बढ़ाता है
पीठ के दर्द में लाभदायक
मांसपेशियों के दर्द में आराम
घुटने और पैरों के दर्द में राहत

भद्रासन-

‘भद्र’ का मतलब होता है ‘अनुकूल’ या ‘सुन्दर’. यह आसन लम्बे समय तक ध्यान मेडीटेसन में बैठे रहने के लिए अनुकूल है और इससे शरीर निरोग और सुंदर रहने के कारण इसे भद्रासन कहा जाता है. भद्रासन कई प्रकार से किया जाता है.

भद्रासन करने का तरीका-

सबसे पहले एक समान और समतल जगह पर दरी या चटाई या योग मैट बिछा दें.अब वज्रासन में बैठ जाएं. अब घुटनों को जितना संभव हो उतना दूर रखें. पैर के पंजो को इस तरह रखे की पैरों की उंगलियों का संपर्क जमीन से रहे और नितम्ब (हिप्स) को पंजो के बीच जमीन पर रखें. दोनों हाथों की हथेलियों को नीचे की ओर घुटनों पर रखें. शरीर को स्थिर और सीधा रखें. कमर-गर्दन सीधी रहनी चाहिए. अब नाक के अग्र (फ्रंट ) पर दृष्टि केंद्रित करें.

भद्रासन के लाभ

मेडिटेशन में बैठने के लिए एक उपयोगी आसन है.
एकाग्रता शक्ति बढ़ती है और दिमाग तेज होता है.
मन की चंचलता कम होती है.
प्रजनन शक्ति बढ़ाता है.
पाचन शक्ति ठीक रहती है.
पैर के स्नायु मजबूत होते हैं.
सिरदर्द, कमरदर्द, आंखों की कमजोरी, अनिद्रा और हिचकी जैसी समस्या में राहत मिलती है.

शशकासन-

शशक का का अर्थ होता है खरगोश. इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की खरगोश जैसी आकृति बन जाती है इसीलिए इसे शशकासन कहते हैं. इस आसन को कई तरीके से किया जाता है. सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों को श्वास भरते हुए ऊपर उठा लें. कंधों को कानों से सटा हुआ महसूस करें. फिर सामने की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को आगे समानांतर फैलाते हुए, श्वास बाहर निकालते हुए हथेलियां को भूमि पर टिका दें. फिर माथा भी भूमि पर टिका दें. कुछ समय तक इसी स्थिति में रहकर फिर से वज्रासन की स्थिति में आ जाएं.

शशकासन के फायदे

हृदय रोगियों के लिए यह आसन लाभदायक है. यह आसन पेट, कमर व कूल्हों की चर्बी कम करके आंत, यकृत, अग्न्याशय व गुर्दों को बल प्रदान करता है. इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव, क्रोध, चिड़चिड़ापन जैसे मानसिक रोग भी दूर हो जाते हैं.

अनुलोम विलोम प्राणायाम-

सबसे पहले पालथी मार कर सुखासन में बैठें. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें लीजिए. अब अनामिका उंगली से बाई नासिका को बंद कर दें. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ दें. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड़ दें.

अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे

बदलते मौसम में शरीर जल्दी बीमार नहीं होता.
वजन कम करने में मददगार
पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है
तनाव या डिप्रेशन को दूर करने के लिए मददगार
गठिया के लिए भी फायदेमंद

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