62 घंटे से पानी की टंकी पर चढ़ा रहा वकील परिवार, नीचे से DM और SSP कर रहे उतरने की गुहार

प्रयागराज में बेली पानी की टंकी पर चढ़े वकील परिवार को 62 घंटे से अधिक हो चुके हैं। उन्हें समझाने पहुंचे प्रयागराज के आलाधिकारियों को सोमवार दिन तक वकील विजय प्रताप सिंह ने छकाये रखा। एक साथ जुटे सभी अधिकारियों ने अधिवक्ता की हर बात मानने की बात कही। यह भी कहा कि अगर उसे वह नीचे आता है तो प्रयागराज में ग्राम सभा की जमीन दिलाने की कोशिश करेंगे। हाईकोर्ट के पदाधिकारियों की मदद से वह केस फाइल कर सकता है। बावजूद इसके पीड़ित परिवार ने किसी की नहीं सुनी। आखिर में अधिकारी अलाव जलाकर वहीं बैठ कर मंथन करते रहे। रात में एडीजी ने फेसबुक लाइव भी किया।

पानी टंकी के पास रात 10:00 बजे के बाद अधिकारियों का जमावड़ा लगने लगा था। डीएम भानुचंद्र गोस्वामी और डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के पहुंचने के बाद आईजी केपी सिंह और एडीजी प्रेम प्रकाश जी पहुंच गए। दूसरी ओर से कमिश्नर आर रमेश भी आ गए। एक-एक करके सभी अधिकारी पीड़ित परिवार से संपर्क करने की कोशिश करते रहे। कभी एडीजी तो कभी आईजी तो कभी डीएम ने माइक लेकर हर प्रकार की सुविधा देने की बात कही लेकिन विजय प्रताप ने बात नहीं मानी, न ही उनके किसी परिवार की ओर से कोई सहमति मिली। रात के 1:00 बजे पानी टंकी के नीचे कुर्सी लगाकर जनपद के आला अधिकारी लाचार नजर आ रहे थे। पीड़ित परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर कोई भी अधिकारी ऐसी कोई गलती नहीं करना चाह रहा था जिससे किसी का कुछ नुकसान हो। सुरक्षा के मद्देनजर पीड़ित परिवार को मनाने की कोशिश की जा रही थी।

पब्लिक को दूर किया-

पानी टंकी के पास जब लाइट लगने लगा तो आसपास के लोगों की भीड़ भी जमा होने लगी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के आने के बाद पुलिस ने घेराबंदी करके आमजन को वहां से दूर किया। देर रात तक लोग दूर से ही खड़े होकर नजारा देख रहे थे। पुलिस अधिकारी माइक से क्या बोल रहे हैं, सुन रहे थे। उसके बाद कुछ लोग मजा ले रहे थे कि अब क्या होगा।

बाहर से मंगाई एनडीआरएफ और लैडर-

अधिवक्ता परिवार को पानी की टंकी से सुरक्षित बचाने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली। डीएम ने बाहर से एनडीआरएफ की मांग की। बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ की एक टीम बचाव के लिए बुलाई गई है। इसके अलावा फायर ब्रिगेड की ओर से कानपुर से लैडर मांगी गई है। लैडर यानी फायर ब्रिगेड की वह गाड़ी जिसमें बहु मंजिला इमारत तक सीढ़ी लगाकर पहुंचने का पूरा इंतजाम रहता है।

अधिवक्ता ने कहा- एक व्यक्ति बीमार, पहुंची डॉक्टरों की टीम-

आधी रात को अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह ने कहा कि भूख हड़ताल के कारण उनके परिवार का एक सदस्य बीमार हो गया। यह सुनते ही एडीजी और डीएम ने हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। यह भी कहा कि किसी एक व्यक्ति को भेजकर उन्हें नीचे बुलाते हैं ताकि इलाज कराया जा सके लेकिन इसके लिए भी अधिवक्ता तैयार नहीं हुए। धमकी दी कि कोई भी ऊपर आया तो ठीक नहीं होगा। आईजी केर्पी ंसह ने माइक से अधिवक्ता को बताया कि बीमार व्यक्ति की मदद के लिए डॉक्टरों की टीम नीचे आ गई है। एंबुलेंस भी खड़ी है। अगर वह नीचे नहीं आएंगे तो उनका इलाज कैसे होगा। लेकिन कोई जवाब देने की जगह वह शांत हो गया।

टंकी के चारों तरफ दो सौ मीटर जाल बिछाया-

अधिवक्ता विजय प्रतार्प ंसह के परिजनों को सुरक्षित बचाने के अभियान के तहत जल पुलिस और फायर ब्रिगेड ने पानी टंकी के नीचे करीब 200 मीटर तक जाल बिछाया, ताकि किसी भी परिस्थिति से एसडीआरएफ की मदद से पुलिस टीम मोर्चा संभाल सके। देर रात तक पूरी टीम सतर्क रही।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी रविन्द्र शंकर मिश्रा ने बताया कि पानी की टंकी 60 से 75 फीट ऊंची है। इसी के ऊपर अधिवक्ता का परिवार चढ़ा है। सुरक्षा के मद्देनजर जल पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने 20 फीट लंबे जाल को चारों तरफ से लगाया है। जमीन से करीब 8 फीट ऊपर बल्ली में बांधकर जाल को बिछाया गया है। जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव ने बताया कि जल पुलिस और फायर बिग्रेड ने लगभग 200 मीटर लंबा चौड़ा जाल बिछाया है। पानी टंकी के एक तरफ पेड़ होने के कारण खुला था। बाकी चारों तरफ जाल बिछाया गया है। बताया जा रहा है कि माघ मेले के दौरान जल पुलिस के लिए जाल की खरीदारी की गई थी। बड़े-बड़े जाले गंगा और यमुना में बैरिर्केंडग के लिए लगाए जाते है। उसी जाल को रविवार को पानी की टंकी के नीचे बिछाया गया। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस की पूरी टीम, 2 दमकल, 12 जवान और एसडीआरएफ की टीम मौजूद रही।

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